रायपुर. अंतरराष्ट्रीय बाजार के प्रभाव से सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई है। बीते 12 दिनों में सोना 1,300 रुपये सस्ता हुआ है और चांदी की कीमतों में भी 1,900 रुपये की गिरावट आई है। बुधवार को रायपुर सराफा बाजार में सोना प्रति 10 ग्राम (स्टैंडर्ड) 52,200 रुपये और चांदी प्रति किलो 58,400 रुपये रही।
सराफा विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में दोनों कीमती धातुओं में और गिरावट की संभावना है। कीमती धातुओं में आई गिरावट से अब सराफा बाजार में थोड़ी चहल-पहल भी बढ़ गई है। कारोबारियों का कहना है कि अभी खरीदारी का काफी अच्छा मौका है। निवेश के लिए सोना सबसे बेहतर है, यह फायदेमंद ही रहता है। इन दिनों संस्थानों में खरीदारों की भीड़ भी बढ़ने लगी है।
पिछले दो वर्षों में कोरोना काल में गोल्ड लोन की मांग बढ़ी है। जानकारों का कहना है कि वर्ष 2021 में प्रदेश में 300 करोड़ से अधिक का गोल्ड लोन दिया गया है। इसके साथ ही 2022 में भी गोल्ड लोन की मांग बढ़ गई है। बैंकों और गोल्ड लोन देने वाली संस्थानों द्वारा गोल्ड लोन पर आकर्षक आफर भी दिए जा रहे हैं।
राज्य में 28 जुलाई हरेली के दिन से त्योहारी सीजन की शुरूआत हो रही है। इसके साथ ही अगले महीने रक्षा बंधन व अन्य त्यौहार है। सराफा कारोबारियों का कहना है कि अन्य राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में कोरोनाकाल के दौरान भी बेहतर व्यवसाय रहा। सराफा कारोबार में लगातार उछाल दर्ज किया जा रहा है। शादियों के सीजन में भी अच्छी खरीदारी हुई।
रायपुर सराफा एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सोने पर बढ़ा हुआ आयात शुल्क वापस लिया जाना चाहिए। वर्तमान में आयात शुल्क 7.5 से बढ़कर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। सोने के आयात शुल्क में अचानक से पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी ने सराफा कारोबारियों को आश्चर्यचकित कर दिया है। रायपुर सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद अब आम नागरिकों को 12.5 प्रतिशत आयात शुल्क, 2.5 प्रतिशत सेस और तीन प्रतिशत जीएसटी मिलकर 18 प्रतिशत शुल्क देना होगा। सोने की खरीदरी कम होने से केंद्र सरकार को ही नुकसान होगा और इसका खामियाजा उन्हे ही उठाना होगा।
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