नई दिल्ली. प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक (Yes Bank) ने मंगलवार को एफडी पर रेपो आधारित ब्याज देने की घोषणा की. इसके लिए बैंक ने नया प्रोडक्ट पेश किया है. अब तक एक्सटर्नल बेंचमार्क (रेपो आदि) लिंक्ड ब्याज दर का उपयोग कर्ज के लिए ही किया जा रहा था लेकिन डिपॉजिट के मामले में ऐसी व्यवस्था नहीं थी.
आरबीआई ने मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए दो चरणों में रेपो रेट में 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है. साथ ही आने वाले समय में इसमें और वृद्धि की संभावना है. आरबीआई के नीतिगत दर में बढ़ोतरी के बाद बैंकों ने कर्ज पर लगने वाले ब्याज को तो बढ़ाया लेकिन जमा के मामले में कदम काफी धीमे थे. इसको लेकर सवाल भी उठाए गए.
बढ़ती दरों के दौर में पाएं अधिक रिटर्न
यस बैंक ने कहा कि उसकी नई पेशकश ग्राहकों को उनकी एफडी पर डायनामिक रिटर्न की अनुमति देगी क्योंकि ब्याज दर मौजूदा रेपो दर से जुड़ी होगी. ‘फ्लोटिंग’ दर वाले एफडी का लाभ, एक साल से लेकर 3साल से कम अवधि के लिए प्राप्त किया जा सकता है.
मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं
यस बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा कि यह एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसे रिटेल प्रोडक्ट की पेशकश बढ़ाने के उद्देश्य से सोच-विचार कर तैयार किया गया है. कुमार ने कहा, ‘‘इस प्रोडक्ट के मुख्य लाभों में से एक यह है कि ब्याज दर में संशोधन अपने आप लागू हो जाएगा और इसके लिए बैंक या ग्राहकों द्वारा किसी भी तरह के मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी.’’
36 दिनों के अंदर RBI ने दो बार बढ़ाया रेपो रेट
गौरतलब कि आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 जून, 2022 को रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए इसे 4.40 फीसदी से बढ़ाकर 4.90 फीसदी कर दिया था. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 4 मई, 2022 को ही रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी करते हुए इसे 4.00 फीसदी से बढ़ाकर 4.40 फीसदी किया था.
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