वाराणसी. ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे और वीडियोग्राफी की रिपोर्ट दोनों पक्षों को सौंपने के कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर लीक हो गई. देखते ही देखते सर्वे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद वादी पक्ष के वकीलों ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और कहा कि यह वीडियो उनकी तरफ से लीक नहीं किया गया है. वादी पक्ष ने इसके पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताई. साथ ही कहा कि उन्हें जो लिफाफे कोर्ट से मिले हैं वह अभी भी सील बंद हैं. वादी पक्ष ने कहा कि जब सर्वे का वीडियो लीक हो गया है तो वह मंगलवार को अपने सील बंद लिफाफे कोर्ट को सरेंडर करेंगे.
वादी पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि उन लोगों को जो लिफाफा मिला है, उसे अभी तक खोला नहीं गया है. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि वीडियो कैसे लीक हो गया? इसके पीछे साजिश की बू आ रही है. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब अपने सभी लिफाफे मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर कर देंगे और कोर्ट से इस बारे में शिकायत करेंगे. हरिशंकर जैन ने बताया कि हम लोगों ने अदालत में शपथपत्र दिया है कि रिपोर्ट लीक नहीं होगी, लेकिन बावजूद इसके वीडियो लीक किया गया. हालांकि उन्होंने यह बात भी मानी की वीडियो सर्वे के दौरान का ही है.
प्रतिवादी पक्ष ने भी जताई चिंता
उधर प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने भी आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरासर कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन. कोर्ट के मना करने के बाद भी वीडियो वायरल किया जा रहा है. यह जांच का विषय है. गौरतलब है कि दोनों पक्षों को सर्वे रिपोर्ट और वीडियोग्राफी की सीडी मिलने के कुछ ही देर में कई वीडियो लीक हो गए. लीक हुए वीडियो में वजूखाने में स्थित कथित शिवलिंग भी दिख रहा है. इसके अलावा मस्जिद के अंदर की दीवारों पर त्रिशूल, स्वस्तिक और कमल के निशान भी दिख रहे हैं.
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