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उज्जवला योजना : अब छत्तीसगढ़ में हैं इतने लोगों के पास गैस कनेक्शन, देखें पूरा आंकड़ा

रायपुर। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के शुरू होने के सिर्फ 20 महीने के भीतर छत्तीसगढ़ में योजना के तहत 19 लाख 45 हजार 765 गरीब परिवारों को महिलाओं के नाम पर रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इन्हें मिलाकर राज्य में रसोई गैस कनेक्शन धारक परिवारों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। योजना शुरू होने के पहले छत्तीसगढ़ में जुलाई 2016 की स्थिति में एल.पी.जी. कनेक्शनधारक परिवारों की संख्या 19 लाख 35 हजार थी, जो अब बढ़कर 38 लाख 73 हजार तक पहुंच गई है। प्रदेश में उज्ज्वला योजना अगस्त 2016 में शुरू की गई। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है। छत्तीसगढ़ सरकार इस योजना के लिए अब तक 285 करोड़ रूपए का अनुदान दे चुकी है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि योजना के तहत दो वर्ष के भीतर 25 लाख गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लक्ष्य के विरूद्ध तत्परता से कदम उठाते हुए अब तक 19 लाख 45 हजार 765 गरीब परिवारों को महिलाओं के नाम पर रसोई गैस कनेक्शन दिये जा चुके हैं।

इन्हें मिलाकर राज्य में रसोई गैस (एल.पी.जी.) कनेक्शन धारक परिवारों की संख्या 38 लाख 73 हजार तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में इस योजना किए गए संशोधन के फलस्वरूप अब छत्तीसगढ़ में लगभग 50 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल सकेगा। योजना में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के गरीब परिवारों को विशेष रूप से प्राथमिकता दी जाएगी। खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले विभागीय अधिकारियों के साथ योजना की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में योजना शुरू होने के पहले कुल 56 लाख परिवारों में से केवल 19 लाख 35 हजार परिवारों के पास अर्थात् 34 प्रतिशत परिवारों के पास रसोई गैस कनेक्शन था। उज्ज्वला योजना शुरू होने और योजना के तहत कनेक्शन देने के लिए चलाये जा रहे अभियान के फलस्वरूप अब राज्य में एल.पी.जी. कनेक्शनों का कव्हरेज बढ़कर 38 लाख 73 हजार अर्थात् लगभग 69 प्रतिशत तक पहुंच गया है। रसोई गैस सिलेण्डरों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में प्रथम चरण में 50 प्र्राथमिक सहकारी समितियों को एल.पी.जी. वितरक के रूप में नियुक्त किया गया है। इन समितियों द्वारा अब तक 23 हजार 835 परिवारों को एल.पी.जी. कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

दूसरे चरण में दुर्गम क्षेत्रों में 48 स्थानों पर वितरक नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इनमें से दो स्थानों पर एल.पी.जी. वितरकों की नियुक्ति की जा चुकी है।
उज्ज्वला योजना के तहत प्रथम 20 महीनों में ( 13 अगस्त 2016 से छह अप्रैल 2018 तक) छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा एक लाख 42 हजार 931 रसोई गैस कनेक्शन जांजगीर-चाम्पा जिले में दिए गए हैं। दूसरे नम्बर पर रायगढ़ जिला है, जहां एक लाख 40 हजार 471 घरों में रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। तीसरे स्थान पर बिलासपुर जिला है, जहां योजना के तहत एक लाख 33 हजार 955 गरीब परिवारों को एल.पी.जी. कनेक्शन मिल चुका है। इस दौरान राजनांदगांव जिले में एक लाख 28 हजार 333, महासमुंद जिले में एक लाख 18 हजार 512, जशपुर जिले में एक लाख 06 हजार 548, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में एक लाख 06 हजार 394, कोरबा जिले में 84 हजार 107, सरगुजा जिले में 81 हजार 350 और बस्तर (जगदलपुर) जिले में 79 हजार 230 गरीब परिवारों कों उज्ज्वला योजना के तहत एल.पी.जी. कनेक्शन दिये जा चुके हैं।

खाद्य अधिकारियों के अनुसार इसी अवधि में योजना के तहत गरियाबंद जिले में 72 हजार 963, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 69 हजार 932, कबीरधाम (कवर्धा) जिले में 67 हजार 965, सूरजपुर जिले में 66 हजार 739, कांकेर जिले में 63 हजार 761, धमतरी जिले में 65 हजार 083, रायपुर जिले में 60 हजार 794, मुंगेली जिले में 60 हजार 436, बेमेतरा जिले में 54 हजार 952 और बालोद जिले में 53 हजार 832 गरीब परिवारों को योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन मिल चुका है। योजना के तहत कोण्डागांव जिले में 51 हजार 802, कोरिया जिले में 51 हजार 149, दुर्ग जिले में 47 हजार 208, दंतेवाड़ा जिले में 16 हजार 726, सुकमा जिले में सात हजार 649, नारायणपुर जिले में छह हजार 330 और बीजापुर जिले में छह हजार 613 परिवारों को एल.पी.जी. कनेक्शन दिया जा चुका है।

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