डेराबस्सी: डेराबस्सी के श्मशानघाट में हैरान करने वाला मामला देखने को मिला। पता चला है कि सोमवार को दो आधी जली लाशें चिता में ही मौजूद मिलीं, जिन पर आवारा कुत्ते घूम रहे थे।
नगर कौंसिल की लापरवाही कारण लाशों को ठीक तरह से जलाना तो एक तरफ, जलाने के बाद तक उठाने का कोई प्रबंध नहीं है। ऐसा एक-दो साल से जारी है। सोमवार सुबह श्मशानघाट में जली हुई तीन लाशें अलग-अलग चिताओं में मिलीं। एक का कुछ हिस्सा बचा हुआ था, जबकि तीसरी चिता में लाश अर्ध जली थी। नगर कौंसिल के रिकार्ड से पता लगता है कि 22 मार्च, 28 मार्च और 1 अप्रैल को जलाई गई तीनों ही लाशें लावारिस थीं, जिनको नगर कौंसिल कर्मचारियों ने जलाया गया था।
लाशों के संस्कार की जिम्मेदारी नगर कौंसिल की हैं, परन्तु फूल इकट्ठा करना श्मशानघाट के प्रबंधकों का काम है। उधर जली लाशों बारे कहा कि किसी बाहरी व्यक्तियों ने लाशें जलाई होंगी। उनको बताया गया कि तीनों ही लाशें लावारिस व्यक्तियों की हैं और श्मशानघाट प्रबंधकों के पास ऐसा कोई कारिंदा या चौकीदार नहीं है।
कारजसाधक अधिकारी ने कहा कि वह श्मशानघाट प्रबंधकों के साथ इस बारे बातचीत करेंगे। उधर डी.एस.पी. गुरबख्शीश सिंह मान ने कहा कि लाशें जलाने तक पुलिस साथ होती है परन्तु हड्डियां इकट्ठीं कर उनको संभालना नगर कौंसिल और श्मशानघाट प्रबंधकों की जिम्मेदारी होती है।
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