गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी को लेकर मारामारी शुरू… शहर के 25 से ज्यादा वार्डों में इस बार भी पेयजल संकट के हालात… ऐसे ही कटेगी गर्मी…

ट्विनसिटी में स्वच्छ पानी के लिए भ्रमण पिछले करीब 37 सालों से जारी है। अब तक यह भ्रमण समाप्त नहीं हो पाया है। आंशिक फायदा जरूर हुआ लेकिन यह नाकाफी है। पहले साडा फिर अस्तित्व में आए निगम ने पिछले 37 सालों में चार योजनाएं तैयार कर घरों तक पानी पहुंचाने के लिए 468 करोड़ रुपए खर्च किए।
बावजूद इसके शहर के छावनी, खुर्सीपार सहित आउटर के 25 वार्डों में हर साल गर्मी के समय जलसंकट गहराता है। इस बार भी हालात अभी से खराब होने लगे हैं। इन वार्डों में कई जगहों पानी की बूंद तक नहीं टप रही। कुछ जगहों पर दो दिन में एक बार पीने का पानी मिल पा रहा है।
कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जो सिर्फ टैंकरों के भरोसे हैं। निगम ने पेयजल आपूर्ति के लिए सबसे पहले चार फेज में जल आवर्धन योजना तैयार की। वर्ष 1985 में इसे तैयार किया गया। प्रथम चरण में 19 करोड़ की योजना में 11 करोड़ खर्च भी किए गए।
करीब 17 साल बाद भी योजना अधूरी है, काम बंद कर दिया गया। नए सिरे से वर्ष 2003 अलग से 5 करोड़ आए। उसमें भी कोई काम नहीं हुआ। 2006 में भिलाई जल आवर्धन योजना शुरू की गई। 210 करोड़ में 77 एमएलडी प्लांट बना और नई पाइपलाइन बिछाई गई। लेकिन 30 फीसदी से ज्यादा वार्डों में पानी नहीं पहुंच सका।
जानिए ऐसे हालात क्यों : योजनाएं बन रहीं, करोड़ों फूंके जा रहे, लेकिन जमीन पर मॉनीटरिंग नहीं हो रही
केस-1: नई पाइप लाइन बिछाई फिर टैंकर से सप्लाई
घासीदास नगर के ज्यादातर हिस्से में टैंकर से पानी की सप्लाई होती है। नंदनी रोड की बस्ती, वीके इंजीनियरिंग के पीछे बस्ती, घासीदास नगर की बस्तीपाइपलाइन बिछा दी गई है। लेकिन पानी नहीं आ रहा।
केस-2: सप्लाई शुरू किए बिना पुराना कनेक्शन काटा
वार्ड 8 कृष्णा नगर के आधे हिस्से में रहने वाले पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। यहां के न्यू कृष्णा नगर में एक टाइम सप्लाई होती है। उड़िया बस्ती, कृष्णा नगर गणेश चौक और गांधी चौक सप्लाई नहीं हो रही।
केस-3: दोनों टाइम पानी की सप्लाई लेकिन प्रेशर कम
कैंप एरिया के शारदापारा गांधी कैंप-2 एरिया में गणेश चौक, शिव मंदिर के पास, किशन चौक मराठी मोहल्ला में सप्लाई दोनों टाइम हो रही है। आदर्श नगर, जेपी नगर, सुंदर नगर में जल संकट के हालत हैं।
37 साल से सिर्फ पाइपलाइन बिछ रही
योजना वर्ष 1985 में शुरू हुई। 19 करोड़ की योजना में करीब 250 किमी पानी की पाइपलाइन बिछाया जाना था। लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया। इसके बाद आई भिलाई जल आवर्धन नाम की योजना में भी 450 किमी लाइन बिछाई गई। लेकिन 30 % वार्डों में सप्लाई शुरू नहीं हुई।
गर्मियों में बढ़ जाती है पानी की डिमांड
शहर के 20 से ज्यादा वार्डों में हर साल पानी की समस्या है। इनमें कैंप के वार्ड 24, 25, 26 है। वार्ड नं. 1, 2, 3, 5, 6, 7, 14 शामिल हैं। कोई प्लानिंग नहीं की गई है। इस अवसर से जलसंकट के हालात बने हुए हैं। गर्मी में करीब 40 एमएलडी पानी की डिमांड बढ़ जाती है।
योजनाओं पर किया खर्च, फिर भी वार्डों में नहीं पहुंचा पाए पानी
वृहद पेयजल योजना
1.वर्ष 1985 में योजना को लागू किया गया। {19 करोड़ रुपए में 400 किमी पाइपलाइन बिछाना था। 11 करोड़ रुपए खर्च हुए फिर भी पाइपलाइन नहीं बिछी।
जल आवर्धन योजना
2.वृहद योजना में विवाद की वजह योजना में बंद कर दिया गया। {2003 में अधूरे काम को पूरा करने आवर्धन योजना आई। शासन ने योजना के लिए 5 करोड़ का बजट तैयार किया। राशि का आबंटन नहीं आने की वजह से योजना अधर में लटकी।
भिलाई जलावर्धन योजना
2006 में नए सिरे से 210 करोड़ की योजना फिर तैयार हुई। योजना में 77 एमएलडी प्लांट फिल्टर प्लांट भी तैयार किया गया। वार्डों में पाइपलाइन बिछाने पर भी 30% जगह पानी नहीं पहुंचा।
अमृत मिशन योजना
वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने 242 करोड़ रुपए नई योजना तैयार की। रिसाली क्षेत्र में पानी सप्लाई के लिए 66 एमएलडी प्लांट तैयार किया। भिलाई और रिसाली क्षेत्र में कुल 20 नई पानी की टंकी तैयार की गई।