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छत्तीसगढ़ में कुलपति नियुक्ति पर तकरार… राज्यपाल और मुख्यमंत्री आमने-सामने…

पश्चिम बंगाल के बाद अब छत्तीसगढ़ में कुलपति की नियुक्ति को लेकर तकरार हो रही है। राज्य में कुलपति नियुक्ति को लेकर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आमने-सामने हैं।

मामला रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को लेकर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और राज्य की कांग्रेस सरकार आमने-सामने हैं। विश्वविद्यालय के वीसी के रूप में डॉ एसके पाटिल के अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद, डॉ एसएस सेंगर को विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति बनाया गया था।

हाल ही में पत्रकारों से बात करते हुए, राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सवाल उठाया था कि जिस राज्य में 32 प्रतिशत आबादी आदिवासी है, 14 प्रतिशत अनुसूचित जाति समुदायों से हैं और अन्य अधिकांश लोग भी पिछड़ा वर्ग से हैं, क्या वहां विश्वविद्यालय के कुलपति जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए भी केवल एक ही समुदाय के लोगों पर विचार किया जाना चाहिए? यह गलत है।

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आगे कहा था कि छत्तीसगढ़ के 14 विश्वविद्यालयों में केवल एक ही समुदाय के लोगों को कुलपति पद की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य के अन्य समुदायों के लोगों को भी मौका मिलना चाहिए। नियुक्तियों में स्थानीयता नहीं बल्कि योग्यता को तरजीह देनी चाहिए।

राज्यपाल के इस बयान पर पलटवार करते हुए, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि राज्यपाल हमारी संवैधानिक प्रमुख हैं। उनको इस मुद्दे पर राजनीति करना बंद कर देनी चाहिए। छत्तीसगढ़ के हित में नहीं है। बघेल ने कहा कि कहा कि स्थानीय लोगों की मांग और हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

हालांकि, हाल ही में आईजीकेवी शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल उइके से मुलाकात की थी। दावा है कि उस दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने मांग की थी कि विश्वविद्यालय में स्थानीय कुलपति नियुक्त किया जाए। जबकि, राजभवन से जारी एक बयान के अनुसार, उइके ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि आईजीकेवी के नियमों और अधिनियम के अनुसार वीसी का चयन योग्यता और बिना किसी भेदभाव के किया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि प्रतिनिधिमंडल ने जिस तरह से इस मुद्दे पर मीडिया से बात की, उसके लिए उन्होंने उन्हें फटकार भी लगाई।

राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू

इस बीच, नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सीएम के बयान पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस इस तरह से राज्य के प्रमुख संस्थानों को बदनाम करने की लगातार कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस के राज्य संचार प्रकोष्ठ के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा को आईजीकेवी फैकल्टी प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई स्थानीय व्यक्ति को वीसी नियुक्त करने की मांग पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

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