वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए रेलवे से जुड़ी कई घोषणाएं की. घोषणाओं में एक बात सबसे अहम थी, वो है कवच तकनीक. उन्होंने कहा, कवच तकनीक की मदद से देश में 2 हजार किलोमीटर का रेलवे नेटवर्क तैयार किया जाएगा.
यह तकनीक रेल नेटवर्क को सुरक्षित बनाने के साथ उसकी क्षमता को बढ़ाने का काम भी करेगी. दावा किया गया है कि इस तकनीक की मदद से रेल नेटवर्क को बेहतर बनाया जाएगा. कवच तकनीक एक स्वदेशी तकनीक है इसे देश में ही विकसित किया गया है. जो कई तरह से मददगार साबित हो सकती है.
क्या है कवच तकनीक, इसका क्या असर होगा और सरकार इस दिशा में क्या काम कर रही है, जानिए इन सवालों के जवाब…
कवच तकनीक क्या है, पहले इसे समझें?
यह एक स्वदेशी तकनीक है. कवच देश में ही विकसित की गई ऐसी एंटी-कोलिजन डिवाइस है जिससे एक्सीडेंट को रोक जा सकता है और दुर्घटनाओं के आंकड़ों को घटाकर शून्य पर लाने में मदद कर सकती है. देश में तैयार होने वाले 2 हजार किलोमीटर के रेल नेटवर्क को इस डिवाइस की मदद से सुरक्षित बनाने की तैयारी है.
पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन संदीप अग्रवाल का कहना है, रेलवे के लिए ‘कवच‘ तकनीक गेमचेंजर साबित होने वाली है. यह स्वदेशी तकनीक देश में ट्रेन की गति यानी स्पीड में सुधार भी लाएगी.
m-कवच ऐप भी लॉन्च कर चुकी है केंद्र सरकार
यूजर्स को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इससे पहले 2017 में केंद्र सरकार m-कवच ऐप लॉन्च किया था. यह ऐप हैकर्स के जरिए होने वाले सायबर हमलों से बचाने का काम करती है. इसे भारत सरकार के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड सिस्टम (C-DAC) ने विकसित किया है। आसान भाषा में समझें तो यह मोबाइल सुरक्षा से जुड़ी ऐप है.
यह ऐप यूजर्स को अनचाहे कॉल को ब्लॉक करने में मदद करती है. थर्ड पार्टी को मोबाइल डाटा का इस्तेमाल करने से रोकती है. यह अनऑथराइज एक्सेस को होने से रोकती है. इसके अलावा m-कवच ऐप स्मार्टफोन में किसी तरह मालवेयर से बचाती है.
हालांंकि कवच तकनीक कैसे रेल दुर्घटनाओं को कैसे रोकेगी, यह कैसे काम करती है सरकार की ओर से ऐसी कोई जानकारी नहीं जारी की गई है.
Add Comment