देश में कोरोना वायरस और इसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों ने रफ्तार पकड़ ली है. हालात देखकर पता चलता है कि नई दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अब लॉकडाउन ही विकल्प बचा है. तीसरी लहर की आहट के बीच इन जगहों पर कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ ही धीरे-धीरे कड़े प्रतिबंधों का दौर भी शुरू हो गया है.
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में थोड़ी पाबंदियां बढ़ा दी गई हैं. राज्य में अब वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया है, यानी शनिवार और रविवार को कर्फ्यू रहेगा और इस दौरान बेवजह घर से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी. वहीं, जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सारे सरकारी ऑफिस बंद रहेंगे. इस दौरान अधिकारी कर्मचारी घर से ही कमा करेंगे. उधर, मुंबई में भी कोविड मामलों में होती बेतहाशा वृद्धि के मद्देनजर लगातार नई गाइडलाइन जारी की जा रही हैं, यानी शहर लॉकडाउन की ओर बढ़ने लगा है. वहीं, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत दूसरे राज्यों में भी नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है.
नई दिल्ली
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के कोविड मैनेजमेंट के लिए तैयार ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के मुताबिक, पॉजिटिविटी रेट लगातार दो दिन 5 फीसदी से ज्यादा होगी तो रेड अलर्ट यानी टोटल कर्फ्यू लगा दिया जाएगा. बता दें कि डीडीएमए ने 28 दिसंबर को ‘येलो अलर्ट’ की घोषणा की थी.
झारखंड में मिनी लॉकडाउन लागू
उधर, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों की संख्या के मद्देनजर स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. सरकारी गाइडलाइन के अनुसार, रात में 8 बजे तक राज्य की सभी दुकानें बंद करने का आदेश है. जबकि मेडिकल स्टोर, बार और रेस्टोरेंट रात 11 बजे तक खुले रहेंगे.
झारखंड में शॉपिंग मॉल, रेस्टोरेंट, क्लब अपनी क्षमता के आधे पर काम करेंगे या इसमें अधिकतम 100 लोग जा सकेंगे. वहीं, शादी समारोह आदि में हॉल से आधी क्षमता या अधिकतम 100 लोगों को अनुमति दी जाएगी. बता दें कि झारखंड में कोविड के दैनिक मामले 1000 से ज्यादा हैं और मौजूदा सक्रिय मामलों की संख्या 5700 से ज्यादा है.
लॉकडाउन में क्या-क्या हो सकता है?
कोरोना की पहली और दूसरी लहर की तर्ज पर यदि इस बार भी लॉकडाउन लगा तो स्कूल, कॉलेज, कोचिंग से लेकर शॉपिंग मॉल, थिएटर मल्टीप्लैक्स, रेस्टोरेंट इत्यादि बंद हो सकते हैं. मंदिर-मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा खुले तो रहेंगे, लेकिन श्रद्धालु के जाने पर पाबंदी लग सकती है. वहीं, शादियों में सीमित लोग ही शामिल हो सकेंगे. साथ ही बिना वजह घर से निकलने की पाबंदी लग सकती है. इसके अलावा, राज्यों की सीमाओं पर लोगों की चेकिंग की जाएगी, साथ ही लोगों के किसी स्थान पर जमा होने नहीं दिया जाएगा.
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