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होलिका दहन के समय ये गलतियां होती हैं अशुभ, रुक जाती है तरक्की

इस साल होलिका दहन 17 मार्च को होगा और उसके अगले दिन यानी 18 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी. माना जाता है कि अगर आप दरिद्रता से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इस दिन शरीर पर उबटन लगाकर उसके अंश को होलिका में डालें. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आने के साथ गरीबी भी दूर होती है. लेकिन होलिका दहन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं ताकि कोई परेशानी न आए.

होलिका दहन में इन बातों का ध्यान रखें (Holika Dahan 2022 rules)

सही मुहूर्त पर होलिका दहन करें.

होलिका दहन पूर्णिमा के अंतिम भाग में यानी भद्रा रहित काल में होगा.

होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा क्योंकि यह समय भद्रा रहित होगा. इसलिए रात को होलिका दहन का समय रखा गया है.

होलिका दहन स्थान को गंगाजल से शुद्ध करना ना भूलें.

होलिका डंडा बीच में रखें. चारों तरफ सूखे उपले, सूखी लकड़ी, सूखी घास रखें. तब अग्नि जलाएं और होलिका दहन करें.

धन-दौलत और बच्चों को नजर दोष और बुरी आदतों से बचाने के उपाय:

होलिका दहन में नारियल गोला, सुपारी और सिक्के डालें.
नारियल बच्चों की बुद्धि को अच्छी करेगा और दिमाग तेज करेगा.

सुपारी उनके बुरी आदतों और बुरे विचारों पर रोक लगाएगा.

इस तरह से बच्चों की बुराई होलिका दहन की अग्नि में जलकर भस्म हो जाएगी.

बच्चे सुखी होकर पढ़ेंगे, लिखेंगे और बहुत धन कमाएंगे.

होलिका दहन स्थल पर इन बातों का रखें ख्याल:

होलिका दहन से पहले पूजा करें.

पूजा में दीपक, धूप, एक माला, गन्ना, चावल, काले तिल, कच्चा सूत, पानी का लोटा, पापड़ चढ़ाएं.

पूजा में हनुमान जी और शीतला माता को प्रणाम करें.

होलिका दहन में चावल, आम और नीम की लकड़ी चने की झाड़, पापड़ और गेंहू की बालियां डालें और होलिका दहन की अगली सुबह यानी होली वाले दिन होलिका दहन के स्थान पर एक लोटा ठंडा पानी डालें.

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