छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में फिर गांजा तस्करी का एक बड़ा मामला फूटा है। शनिवार को पुलिस ने 540 किलो गांजा की तस्करी करते दो तस्करों को पकड़ा है। हर बार की तरह तस्करों ने इस बार भी नया तरीका अपनाया, लेकिन पुलिस को चकमा नहीं दे पाए।
पुलिस ने आलू की बोरियों के नीचे गांजा छिपाकर तस्करी करते पेंड्रा-मरवाही जिले के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जब्त गांजे की कीमत कीमत एक करोड़ आठ लाख रुपए आकी गई है। बसना थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
महासमुंद एसपी दिव्यांग पटेल ने बताया कि ओडिशा से महासमुंद के रास्ते गांजा तस्करी की सूचना मिली थी। तत्काल बसना थाने की पुलिस टीम को अलर्ट किया गया। जिले के प्रवेश मार्ग पर चेकिंग प्वाइंट लगाकार वाहनों की जांच की जा रही थी,
तभी पदमपुर ओडिशा से महासमुंद की तरफ आ रहे एक सफेद रंग कि इंट्रा वाहन क्रमांक CG 10 AX 8958 को रोका गया। गाड़ी में राजेंद्र श्याम (32) निवासी ग्राम-आमाडोल थाना-पेंड्रा रोड जिला- पेंड्रा-मरवाही और शिवकुमार ताडिया (32) निवासी ग्राम तौली थाना-गौरेला जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही बैठे थे। पूछताछ में दोनों गोलमोल जवाब देने लगे।
वाहन की तलाशी लेने पर ट्राली में आलू का बोरियों के नीचे 18 प्लास्टिक बोरियों 5 क्विंटल 40 किलो ग्राम गांजा मिला। आरोपियों ने गांजा को ओडिशा से लाना और छत्तीसगढ़ में खपाना बताया। बसना पुलिस ने दोनों आरोपियों पर मामला पंजीबद्ध किया है। गांजा व वाहन सहित कुल 1 करोड़ 13 लाख रुपए की जब्ती बनाई है।
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