कोलकाता। कोल सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों को अनुमति देने के सरकार के फैसले के खिलाफ एक बड़ी ट्रेड यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाने का फैसला किया है। ट्रेड यूनियन का कहना है कि इस कदम से नौकरियां जाएंगी, कम वेतन मिलेगा और सरकारी कंपनी कोल इंडिया का मार्केट शेयर घट जाएगा।
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने कहा है कि वह अन्य चार सेंट्रल ट्रेड यूनियनों की ओर से अगले महीने कोल इंडिया में बुलाई गई हड़ताल में शामिल नहीं होगी क्योंकि वह सरकार के कदम के खिलाफ गैर-बीजेपी दलों से राजनीतिक समर्थन मांगने की योजना बना रही है।
इंटक के तहत काम करने वाली इंडियन नेशनल माइनवर्कर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल ए क्यू जमा ने कहा, एक दिन की हड़ताल से कोई फायदा नहीं होगा। हमने इस मुद्दे पर वकीलों से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है और हम सरकार के फैसले के खिलाफ निश्चित तौर पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। केंद्र सरकार ने कोल इंडिया के हितों की सुरक्षा करने का आश्वासन दिया था। हालांकि, कमर्शियल माइनिंग की अनुमति देने का मतलब इस वादे से मुकरना है। देश में कोयले के उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 पर्सेंट से अधिक की है।
कोल सेक्टर को कमर्शियल माइनिंग के लिए खोलने और बिना किसी बंदिश के बिक्री की अनुमति देने के विरोध में 16 अप्रैल को एक दिन की हड़ताल बुलाई गई है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस, भारतीय मजदूर संघ, हिंद मजदूर सभा और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने मंगलवार को इस हड़ताल का नोटिस दिया था।
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