नई दिल्ली. हर खिलाड़ी अपनी टीम की जीत में योगदान देना चाहता है, फिर अगर इसके साथ कोई खास उपलब्धि हासिल की जाए तो सोने पर सुहागा ही होता है. ऐसा ही 31 अक्टूबर के दिन भी हुआ. यह दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बेहद खास है. आज से ठीक 34 साल पहले वर्ल्ड कप (World Cup) की पहली हैट्रिक लेने की उपलब्धि पूर्व भारतीय दिग्गज चेतन शर्मा (Chetan Sharma) ने हासिल की थी. साल 1987 के वर्ल्ड कप में नागपुर में चेतन ने गेंदबाजी में कमाल दिखाया था और लगातार गेंदों पर न्यूजीलैंड (New Zealand) के 3 बल्लेबाजों को पैवेलियन की राह दिखा दी थी. सबसे खास बात है कि तीनों ही बल्लेबाजों को चेतन शर्मा ने बोल्ड किया था.
चेतन शर्मा ने अपने छठे ओवर की आखिरी तीन गेंदों पर केन रदरफोर्ड, इयान स्मिथ और इवेन चैटफील्ड को बोल्ड किया. उन्होने चौथे नंबर के बल्लेबाज रदरफोर्ड (26) को बोल्ड कर अपना पहला विकेट लिया, जो टीम का छठा विकेट था. इसके बाद 182 के ही टीम स्कोर पर इयान स्मिथ (0) और चैटफील्ड (0) को भी पैवेलियन भेज दिया.
भारत ने 1 विकेट खोकर हासिल किया था लक्ष्य
भारत ने न्यूजीलैंड को नागपुर में 9 विकेट से मात दी थी. न्यूजीलैंड टीम के कप्तान जेफ क्रो ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. टीम ने 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 221 रन बनाए. कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने मात्र 1 विकेट खोकर आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया था. टीम इंडिया ने 224 रन बनाने के लिए केवल 32.1 ओवर ही खेले.
मैन ऑफ द मैच सुनील गावस्कर रहे जिन्होंने 88 गेंदों पर 10 चौकों और 3 छक्कों की बदौलत नाबाद 103 रन बनाए. उनके अलावा क्रिस श्रीकांत ने 58 गेंदों में 75 रनों की पारी खेली. श्रीकांत ने 58 गेंद खेलीं और 9 चौके, 3 छक्के जड़े. गावस्कर और श्रीकांत ने 136 रन की ओपनिंग साझेदारी की और टीम की जीत की नींव रखी. इसके बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ मिलकर गावस्कर ने टीम को जीत ही दिला दी. अजहरुद्दीन ने 51 गेंदों पर 41 रन की अपनी नाबाद पारी में 5 चौके लगाए.
इससे पहले चेतन शर्मा ने इतिहास रचते हुए हैट्रिक ली. उन्होंने 10 ओवर गेंदबाजी की और 2 मेडन के साथ 51 रन दिए, 3 विकेट झटके. उनके अलावा मनोज प्रभाकर, अजहरुद्दीन, मनिंदर सिंह और रवि शास्त्री ने 1-1 विकेट लिया. टीम इंडिया उस वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ हार के साथ उसे बाहर होना पड़ा. फाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था जिसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 7 रन से खिताबी जीत दर्ज कर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था.
Add Comment