नई दिल्ली: तालिबान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के अधिकांश बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया है. रविवार को काबुल (Kabul) पर भी उसका कब्जा हो गया है. तालिबान (Taliban News) के सत्ता में वापसी के डर से राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने भी देश छोड़ दिया है. अब एक बार फिर से लोगों में दो दशक पहले की यादें ताजा हो गई है. लोगों में यह डर है कि एक बार फिर से काबुल में कट्टरपंथी इस्लाम की सत्ता में वापसी हो जाएगी और फिर से महिलाओं के अधिकार छिन जाएंगे. इस बीच विद्रोही तालिबान जीत की कगार पर है और सत्ता आने से पहले तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला ने काबुल के लोगों को आश्वासन दिया है कि सत्ता का स्थानांतरण शांति पूर्ण तरीके से होगा.
राजधानी काबुल के हालात गंभीर हैं. यहां सुरक्षा पूरी तरह से शून्य होने की भी आशंका जताई जा रही है क्योंकि हजारों पुलिसकर्मी और सशस्त्र सेवाओं के सदस्यों ने अपने पद को छोड़ दिया है.
तालिबान लड़ाकों से कराएं लड़कियों की शादी
तालिबान ने जैसे ही अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कब्जा किया वैसे ही एक बार फिर से इस्लामवादी सूमह द्वारा अपनी दमनकारी नीतियों को फिर से लागू करने की खबरे भी उठने लगीं. एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि तालिबान की तरफ से मांग की गई है कि यहां रहने वाले परिवार अपनी 15 साल से अधिक उम्र की लड़कियों और 40 साल से कम उम्र की विधवाओं की तालिबानी लड़ाकों से शादी कर दें. इस आरोप को इस्लामी समूह ने पूरी तरह से नकार दिया.
खुले सैंडल पहनने पर लड़कियों की पिटाई
एक ऐसी ही दूसरी घटना में यह सामने आया कि उत्तरी तखर प्रांत में स्कूली लड़कियों को खुले सैंडल पहनने पर पीटा गया. एक स्कूली टीचर ने बताया कि महिलाओं को बिना पुरुष संरक्षण के बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. किसी भी महिला और लड़की को बाजार जाने की इजाजत नहीं है. जुलाई शुरुआत में तालिबान विद्रोहियों ने दक्षिण शहर कंधार के अजीजी बैंक में काम करने वाले नौ लोगों को काम छोड़ने का आदेश दिया और उन्हें घर तक छोड़ कर आए.
तालिबान ने आरोपों को नकारा
इन सब खबरों के बीच तालिबान ने कहा कि महिलाओं को घर से बाहर निकलने का, काम में जाने का और स्कूल जाने का अधिकार होगा. लेकिन उन्हें घर से बाहर निकलने पर हिजाब पहनना आवश्यक होगा. पथराव और कोड़े मारे जाने की आशंका पर तालिबान ने कहा कि सजा की नीति अदालतों पर निर्भर करेगी. तालिबान ने कहा कि मीडिया को किसी की भी आलोचना करने की इजाजत दी जाएगी लेकिन इस काम में चरित्र हनन को शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
महिलाओं को बैंकों में काम करने की अनुमति देने के सवाल पर, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने पहले कहा था, “इस्लामी व्यवस्था की स्थापना के बाद, यह कानून के अनुसार तय किया जाएगा और किसी को किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी.
महिलाओं को दिए जाएंगे अधिकार
तालिबान ने कहा है कि वे महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने और उन्हें काम करने और स्कूल जाने की अनुमति देने के लिए प्रतिबद्ध है, बशर्ते वे इस्लामी या अफगान मूल्यों का उल्लंघन न करें. हालांकि, तालिबान ने यह भी कहा कि वे महिलाओं द्वारा प्राप्त ऐसी स्वतंत्रता को सीमित करना चाहते हैं जिसने “अनैतिकता” और “अभद्रता” को बढ़ावा दिया है.
विदेशी रहेंगे पूरी तरह से सुरक्षित
तालिबान ने विदेशियों को काबुल छोड़ने के निर्देश दिए हैं लेकिन इसी के साथ उसने कहा कि अगर विदेशी चाहें तो यहां रह सकते हैं उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी बशर्ते उन्हें आंदोलन के प्रतिनिधियों के पास अपना पंजीकरण कराना होगा. तालिबान की तरफ से कहा गया कि वह अपने जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा करेगा, और अपने प्रिय राष्ट्र के लिए एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण बनाएगा. तालिबान की तरफ से यह आश्वासन भी दिया गया कि सत्ता आने के बाद किसी भी राजनयिक और सरकारी या गैर सरकारी संगठनों को किसी तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.
धनवानों का पैसा रहेगा सुरक्षित
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के हवाले से कहा, समूह “सभी बैंकों, व्यवसायों, औक दुकानों को किया गया है कि वे तालिबान के शासन में पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे और कोई भी काबुल में किसी को छूएगा या परेशान नहीं करेगा.”
“सभी धनी लोग, व्यवसायी, वे सुरक्षित और संरक्षित रहेंगें. तालिबान में से किसी को भी किसी भी घर में जाने या व्यवसायों की तलाशी लेने की अनुमति नहीं है और इस्लामिक अमीरात उन्हें पूरी सुरक्षा देता है.
शहर छोड़ने की लगी होड़
तालिबान लोगों को आश्वासन देने में जुटा है लेकिन सच्चाई यह है कि लोगों में इस्लामिक कट्टरपंथी को लेकर डर बैठा हुआ है. लोग बैंकों में जमा अपने जीवनभर की कमाई निकालने के लिए एटीएम मशीनों के बाहर खड़े हैं. हेलीकॉप्टर आसमान में चक्कर लगा रहे हैं. वे कुछ अमेरिकी दूतावास से कर्मचारियों को निकालते देखे गये. कई अन्य दूतावास भी अपने कर्मचारियों को स्वदेश भेजने की तैयारी कर रहे हैं. तालिबान ने अपने आक्रमण को तेज करते हुए देश के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया और अफगान सुरक्षा बलों को अमेरिकी सेना के हवाई सहयोग के बावजूद खदेड़ दिया है.
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