COVID-19 4th Wave: क्या नए वैरिएंट XE से भारत में आएगी कोरोना की चौथी लहर? जानें कितना है खतरा

देश में कोरोना का खतरा कम हो ही रहा था कि दुनिया में मिलने वाले कोरोना के नए वैरिएंट XE ने चिंता फिर बढ़ा दी है. WHO ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा था, नया म्यूटेंट वैरिएंट XE ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BA.2 से करीब 10 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक हो सकता है.
नए वैरिएंट मिलने के कारण स्वास्थ एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि अगर नया वैरिएंट फैला तो यह भारत में चौथी लहर (COVID-19 4th wave) का कारण बन सकता है. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि नया वैरिएंट भारत आता भी है तो ये बहुत बड़ा खतरा साबित नहीं होगा.
क्या भारत में आएगा कोविड-19 का XE वेरिएंट?
भारत में जिस तरह कोरोना के कई वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं, उसी तरह इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि नया वैरिएंट नहीं आ सकता. इसका कारण है कि भारत से विदेशों की फ्लाइट चालू हो गई हैं. हो सकता है कोई यात्री इस वायरस से संक्रमित हो और भारत आने के बाद उसकी शुरुआती रिपोर्ट नेगेटिव आए और बाद में उस वायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव आए.
यह भी कहना गलत नहीं है कि हो सकता है XE वैरिएंट इंडिया में पहले ही आ चुका हो और उससे संक्रमित व्यक्ति हमारे आसपास ही घूम रहा हो. हो सकता है, संक्रमित व्यक्ति को अपने आपमें कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हों और लक्षण नजर आने पर उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आए. लेकिन सोचिए, तब तक वह कितने लोगों में वायरस फैला चुका होगा?
जिस तरह कोरोना का पिछला वैरिएंट ओमिक्रॉन से भारत में अधिक जोखिम नहीं था, हो सकता है उसी तरह भारत में इस वैरिएंट से भी खतरा न हो. लेकिन यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
XE वैरिएंट अधिक चिंता का विषय नहीं
जॉन्स हॉपकिन्स के गुप्ता-क्लिंस्की इंडिया इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग ने कहा, ‘वैरिएंट्स आएंगे क्योंकि लोग अब यात्रा कर रहे हैं. जितना हम XE वैरिएंट के बारे में जान पाए हैं, यह चिंता का विषय नहीं है. हम BA.2 के बारे में चिंतित थे, लेकिन यह BA.1 से अधिक गंभीर नहीं निकला. XE वैरिएंट भी BA.1 या BA.2 (Omicron के सब वैरिएंट्स) से अधिक गंभीर बीमारी नहीं बनाता है.’ उन्होंने कहा कि भारत में वैक्सीनेटेड लोगों को इस वैरिएंट से बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है.’
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज डिवीजन के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेड़ेकर के मुताबिक ‘ XE वैरिएंट एक रिकॉम्बिनेंट है. इसका मतलब है कि इसमें ओमिक्रॉन के दोनों रूपों BA.1 और BA.2 के म्यूटेशन मिले हैं. जब रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट होता है तो यह काफी कम समय तक टिकता है. शरीर में 2 अलग-अलग प्रकार के वायरस मिलकर नया वायरस बनाते हैं. लेकिन रिकॉम्बिनेंट होने से वायरस ज्यादा ताकतवर नहीं हो जाता है.
WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन (Scientist Soumya Swaminathan) के मुताबिक, XE वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तरह खतरनाक नहीं होगा. भारत में अधिकांश लोग वैक्सीनेटेड हो चुके हैं. शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक यह कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट अन्य वैरिएंट से 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है. लेकिन अभी इस वैरिएंट पर अधिक स्टडी की जा रही है. अभी इससे संक्रमित मरीजों के गंभीर मामले सामने नहीं आए हैं.
अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी XP वैरिएंट के बारे चिंता न करने को कहा है क्योंकि उनका मानना है कि यह वैरिएंट जनवरी से आसपास सामने आया था, लेकिन इसकी वजह से अभी तक ओमिक्रॉन की तरह कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी नहीं देखने को मिली है. हालांकि, उन्होंने पूरी सावधानी बरतने की सलाह दी है.
क्या भारत को नए वैरिएंट से खतरा हो सकता है?
एक्सपर्ट का मानना है कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो कोरोना की नई लहर को नकारा नहीं जा सकता. इसका कारण है कि वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है, वह लगातार अपना रूप बदल रहा है. लेकिन पिछले वैरिएंट के कम जोखिम और भारत में वैक्सीनेशन की स्थिति को देखते हुए यह भी कहा जा सकता है कि अगर कोई नया वैरिएंट आता है तो वह शायद पहले आईं दो लहरों की तरह खतरनाक नहीं हो.
कोरोना की पहली लहर के बाद से लोगों ने अपनी सेहत पर ध्यान देना शुरू कर दिया है और इम्यूनिटी को भी मजबूत करने के लिए कई तरीके अपना चुके हैं. अगर आने वाले वायरस को भी मजबूत इम्यूनिटी से हराया जा सकता है, तो चौथी लहर की संभावना कम हो सकती है. लेकिन इसके बाद भी कोरोना संबंधित नियमों का पालन जरूर करें क्योंकि सावधानी से ही इस वायरस को हराया जा सकता है.