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नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा…पंचायत दिवस के दिन युवा सरपंच द्वारा आत्महत्या करना प्रदेश के लिए दुर्भाग्य जनक…भाजपा ने न्यायिक जांच की मांग की…राशन वितरण को लेकर भी प्रदेश सरकार पर साधा निशाना…

रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरपंच आत्महत्या और प्रदेश में राशन वितरण को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि पंचायत दिवस के दिन प्रदेश के मुख्या के विधानसभा क्षेत्र में एक युवा सरपंच द्वारा आत्महत्या करना प्रदेश के लिए दुर्भाग्य जनक है। इस मामले में भाजपा ने न्यायिक जांच की मांग की है। साथ ही भाजपा ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने का निर्णय लिया है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि आज पंचायत दिवस है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों को अपनी शुभकामनाएं सहित बधाई दी है। लेकिन छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्य का विषय है कि पंचायत दिवस के दिन प्रदेश के मुख्या भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में युवा सरपंच आशीष चन्द्राकर द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्या के क्षेत्र में तो सभी को न्याय मिलनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति आत्महत्या नहीं करना चाहता। सब जिन्दा रहना चाहते हैं। लेकिन कोई ना कोई अत्याचार हो रहा है। न्याय की उम्मीद नहीं मिलता, उसका सुनने वाला कोई नहीं हैं, देखने वाला नहीं है तब कोई अपने जीवन की लीला समाप्त करता है। ऐसे में ही युवा सरपंच द्वारा आत्महत्या किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में भाजपा न्यायिक जांच की मांग करता है। उस परिवार को न्याय मिल सके इसलिए भाजपा तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करेगी। टीम गांव पहुंच कर मामले की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि इस घटना को सुनकर मन काफी दुखी है। यह प्रदेश के लिए दुर्भाग्य जनक है।

वहीं राशन वितरण को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने सुसायटियों का दौरा किया है। अधिकारियों से बात किया तब जानकारी मिली कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सिर्फ ढिढोरा पीट रही है कि मुफ्त में चावल दे रहे हैं। लेकिन सच्छाई कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार नगरी और स्थानीय सरकार के साथ मिलकर चावल की व्यवसाय कर रही है। ग्राम पंचायतो से 32 रुपये कुछ पैसे वसूल कर रही है। वहीं नगरीय निकायों से 33 रुपये कुछ पैसा ले रही है। फिर ढिढोरा क्यों पीट रही है। उन्होंने कहा कि खुले बाजारों में 22-23 रूपये किलो में चावल मिल रही है। राइश मिलों में बेचे जा रही है। ये नगरी निकायों से बेल रहे हैं नान से चावल ले और ओ भी 33 रूपये के हिसाब से। तो ये व्यवसाय नहीं है तो क्या है। सरकार की दोमुही नीति है। झूठा वाहवाही लेने के लिए कुछ भी कही जा रही है। जबिक केन्द्र सरकार द्वारा पांच किलो चावल की व्यवस्था की गई है। लेकिन पांच किलो चावल सुसायटी में नहीं है। सरकार के द्वारा आबंटन नहीं किया गया है। यहां की सरकार चावल को लेकर राजनीति कर रही है।

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