कोरबा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में नक्सल हमले में शहीद हुए नेताओं और जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों की स्मृति में आयोजित झीरम श्रद्धांजलि दिवस के अवसर पर दो मिनट का मौन धारण कर शहीदों को नमन किया।
मुख्यमंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ एवं भारत के इतिहास का काला दिन बताते हुए शहीद हुए सभी लोगों एवं उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। झीरम श्रद्धांजलि दिवस के इस अवसर पर कलेक्टोरेट कोरबा के सभाकक्ष से कलेक्टर किरण कौशल सहित जिले के जनप्रतिनिधिगण भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शहीदों के श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। जनप्रतिनिधिगण सहित मौजूद समस्त अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा दो मिनट का मौन धारण किया गया तथा राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए संकल्प लिया गया।
झीरम घाटी के नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा, उदय मुदलियार, योगेंद्र शर्मा सहित अनेक नेतागण और सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो गए थे। बघेल ने शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बस्तर विश्वविद्यालय और डिमरापाल स्थित स्वर्गीय बलिराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल का नामकरण शहीद महेंद्र कर्मा के नाम पर किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यसभा सांसद पी.एल. पुनिया और छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न जिलों से विधायक तथा जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम से जुड़े।
मुख्यमंत्री निवास में विधायक मोहन मरकाम और बृहस्पति सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय विनोद वर्मा और राजेश तिवारी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू मौजूद रहे। कोरबा से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, नगर निगम कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्याम सुंदर सोनी, पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा, अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया एवं जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार सहित अधिकारी-कर्मचारीगण शामिल हुए।
कलेक्टर ने दिलाई शपथ – झीरम श्रद्धांजलि दिवस पर कलेक्टर किरण कौशल ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को हिंसा और नक्सलवाद का डटकर मुकाबला करने की शपथ दिलाई। कलेक्टर ने सभी उपस्थित लोगों को छत्तीसगढ़ राज्य में अहिंसा और सहनशीलता की परंपरा में दृढ़ विश्वास रखते हुए राज्य को फिर से शांति का टापू बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित होने की भी शपथ दिलाई।
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