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मौसम विभाग ने जारी किया तेज हवा के साथ भारी बारिश का अलर्ट… जानें चक्रवात असनी से जुड़े 10 बड़े अपडेट्स…

नई दिल्ली: अंडमान सागर (Andman Sea) के ऊपर बने चक्रवात असनी (Cyclone Asani) को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andman and Nicobar Islands) में भारी बारिश की संभावना है. एतियातन एनडीआरएफ की तैनाती की गई है. यह इस साल का पहला चक्रवात है, जो सोमवार को बंगाल की खाड़ी में विकसित होने वाला है. मौसम विभाग ने इस साइक्लोन के लैंडफॉल पॉइंट का उल्लेख नहीं किया है. अंडमान सागर के ऊपर बनने वाले चक्रवात आसनी को लेकर 10 बड़े अपडेट्स…

देर रात के एक ट्वीट में, मौसम कार्यालय ने कहा कि अंडमान सागर के ऊपर, निकोबार द्वीप समूह से 250 किमी उत्तर-उत्तर-पूर्व और पोर्ट ब्लेयर से 80 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में, चक्रवात आसनी द्वीपों को प्रभावित करते हुए उत्तर की ओर बढ़ने के लिए तैयार है, और अगले 12 घंटों में इसके एक ”डीप डिप्रेशन” में बदलने की संभावना है.

केंद्र सरकार ने कहा है कि चक्रवात असनी के कारण उत्पन्न किसी भी अकस्मात स्थिति से​ निपटने के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की कई टीमों को पोर्ट ब्लेयर में तैनात किया गया है. सेना और नौसेना भी स्टैंडबाय पर हैं.

मौसम विभाग ने साइक्लोन असनी का लैंडफॉल पॉइंट क्या होगा, इसका उल्लेख नहीं गया है. आईएमडी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा, ”हमने चक्रवात असनी के लिए किसी भी लैंडफॉल पॉइंट का उल्लेख या भविष्यवाणी नहीं की है. यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के साथ-साथ आगे बढ़ेगा, फिर बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी और म्यांमार तट के साथ-साथ, धीरे-धीरे इसकी तीव्रता कम हो जाएगी. मंगलवार से उसी क्षेत्र में चक्रवात असनी 55-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से या अधिकतम 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं में बदल जाएगा. अंडमान और निकोबार क्षेत्र से चक्रवात असनी के बाहर निकलने के क्रम में यहां अत्यधिक भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है.”

आईएमडी (भारत मौसम विज्ञान विभाग) ने कहा है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 55-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं का अनुभव करने के लिए तैयार है, जो अधिकतम 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक भी पहुंच सकता है.

मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे सोमवार और मंगलवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आसपास और इसके बाहर समुद्र में न उतरें.

चक्रवात असनी के संभावित प्रभाव की सूची में बिजली लाइनों में आंशिक व्यवधान, सड़कों पर पानी जमा होना, स्थानीय भूस्खलन इत्यादि शामिल हैं.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के जिन क्षेत्रों में चक्रवात असनी से प्रभाव पड़ने की संभावना है, वहां पर्यटक गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है.

पिछले हफ्ते, आईएमडी ने कहा था कि मार्च 1891 और 2020 के बीच केवल आठ चक्रवात बने हैं, जिनमें अरब सागर में 2 और बंगाल की खाड़ी में 6 शामिल हैं.

आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा था, जलवायु की दृष्टि से मार्च चक्रवात का मौसम नहीं है. यह अप्रैल और मई है. मार्च में समुद्र ठंडा होता है और सौर सूर्यातप बहुत अधिक नहीं होता है. मार्च में, पश्चिमी सिस्टम देश के उत्तरी हिस्सों में प्रमुख हैं और पूर्वी लहरें प्रायद्वीपीय क्षेत्र में प्रमुख हैं.

चक्रवात असनी के कारण अंडमान और निकोबाद द्वीप समूह और बंगाल की खाड़ी के अलावा भारत के तटीय राज्यों में तेज हवाएं चल सकती हैं. बारिश भी हो सकती है.

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