पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की सत्ता में वापसी के साथ ही राज्य में हिंसा का तांडव फिर से शुरू हो गया है. चुनाव नतीजों के बाद से ही लगातार बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या, घरों में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं. वहीं इस बीच असम के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि चुनाव के बाद हुई हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल में अपने घरों से भागकर लगभग 300-400 बीजेपी कार्यकर्ता असम में प्रवेश कर गए हैं.
उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लोकतंत्र को बदरूप होने से बचाने की अपील भी की. असम के स्वास्थ्य एवं वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि एक दुखद घटनाक्रम में बंगाल बीजेपी के 300-400 कार्यकर्ता और उनके परिवार के सदस्य घोर अत्याचार एवं हिंसा की मार के बाद असम के धुबरी पहुंच गए. उन्होंने कहा कि हम उन्हें आश्रय एवं भोजन दे रहे हैं. ममता दीदी को लोकतंत्र को बदरूप होने से बचाना चाहिए. बंगाल बेहतर का हकदार है.
वहीं बीरभूम के एसपी एनएन त्रिपाठी ने कहा कि कल महिलाओं के बलात्कार और नानूर में कुछ अन्य महिलाओं से छेड़छाड़ की खबरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं. हमने जानकारी को सत्यापित किया और स्थानीय बीजेपी नेताओं से भी बात की, वो ऐसी किसी भी घटना से अनजान हैं. मैं सभी को सूचित करता हूं कि ये फर्जी खबर है.
उधर मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा का संज्ञान लिया और टीम गठित कर स्पॉट जांच करने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग का कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल के नंदीग्राम में महिलाओं के साथ भी मारपीट की जा रही है.
मंगलवार को ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हिंसा के शिकार बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर गए और उनके परिवार के लोगों को सांत्वना देते हुए कहा कि बीजेपी का हर कार्यकर्ता उनके साथ है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता सभी कार्यकर्ताओं के घर जाएंगे. परिवार को ढाहस देंगे. न्याय की लड़ाई बंगाल में न्याय स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
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