छत्तीसगढ़ के कोरबा में शुक्रवार को कलेक्टर ने एक मेडिकल स्टोर सील कर दिया। मेडिकल स्टोर संचालक बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन (पर्चे) के सर्दी और बुखार की दवाइयां बेच रहा था। इसके अलावा दवाई खरीदने वालों का भी कोई रिकार्ड उसने नहीं बना रखा था। इसके चलते यह कार्रवाई की गई है। साथ ही कलेक्टर ने कोविड गाइडलाइन का सख्त पालन करने की चेतावनी जारी की है।
जानकारी के मुताबिक, कलेक्टर किरण कौशल कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते लगातार खुद सड़कों पर उतरकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रही हैं। इसी के तहत शुक्रवार को वह अफसरों के साथ निरीक्षण करते हुए दिपका पहुंच गईं। वहां मेन रोड पर मेडिकल स्टोर एमडी मेडिकोस देखा तो एक कर्मचारी को दवाई खरीदने के लिए भेजा। इसके बाद संचालक ने बिना पर्चे के ही सर्दी-बुखार की दवाई दे दी।
बिना डॉक्टर के पर्चे के सर्दी, खांसी और बुखार की दवाइयां बेचने पर रोक है
इसके बाद कलेक्टर खुद मेडिकल स्टोर पहुंच गईं और दवाई लेने वालों के संबंध में जानकारी मांगी, लेकिन संचालक कोई रिकार्ड नहीं दिखा सका। इसके बाद उन्होंने मेडिकल स्टोर सील करने के आदेश दे दिए। अफसरों की ओर से बताया गया कि सर्दी, खांसी और बुखार की आमतौर पर दवाइयां बेचने पर रोक है। कोविड की प्रोफेलैक्सिस किट में आम सर्दी-खांसी की दवाइयां नहीं है। उसमें तय एंटी बायोटिक और एंटी वायरल ड्रग हैं।
लक्षण के आधार पर टेस्ट के बाद ट्रीटमेंट समिति ही देगी दवाई
शासन की ओर से 22 अप्रैल को कोविड-19 की दवाइयों के वितरण को लेकर एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसे देखते हुए किसी व्यक्ति को कोविड का लक्षण होता है तो वह जांच कराएगा। रिपोर्ट देरी से आने की दशा में संक्रमण को रोकने के लिए राज्य स्तरीय ट्रीटमेंट समिति कोविड की प्रस्तावित दवाइयां मरीज को उपलब्ध कराएंगी।
शहरी क्षेत्र से ज्यादा अब ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहा है संक्रमण
कोरबा के शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा पिछले कुछ दिनों से ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। गुरुवार को ही करीब 1000 कोरोना संक्रमित जिले में मिले हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की संख्या 650 थी। बताया जा रहा है कि संक्रमण को देखते हुए प्रशासन का सारा जोर और सख्ती शहरी क्षेत्रों में ही रही। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में केस बढ़ने लगे हैं। यहां तक कि पूरा परिवार ही संक्रमित मिल रहा है।
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