नई दिल्ली. Strawberry Cultivation: क्या आप 9 से 5 की नौकरी के बोर हो चुके हैं? और कारोबार करने की सोच रहे हैं, लेकिन मुनाफे को लेकर कंफ्यूज्ड भी हैं तो आपको बता दें आप स्ट्रॉबेरी (ड्रैगन फ्रूट) की खेती करके लाखों में कमा सकते हैं. इसके लिए सिर्फ आपके पास एक एकड़ की जमीन होनी चाहिए. टेक्नोलॉजी के दौर में अब देश में भी किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर नए-नए प्रयोग करने लगे हैं और इससे उन्हें फायदा भी हो रहा है. कई पढ़े लिखें युवाओं ने खेती का कारोबार शुरू किया और आज हर महीने 1-2 लाख कमा रहे हैं. यही वजह है कि अब युवा इंजीनियरिंग, एमबीए करने के बाद नौकरी की जगह खेती करना पसंद कर रहे हैं.
जानें, क्यों है मार्केट में इसकी डिमांड
बता दें कि इसकी खेती एक आधुनिक खेती है और इसमें खर्चा कम होता है. सिंचाई की कम जरूरत होती है. इसकी बेल रस्सी की तरह लंम्बी होती रहती है. बेल को फैलने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत होती है. इसलिए इसको एक लकड़ी के सहारे ऊपर चढ़ा देते हैं.
एग्रीकल्चर जानकारों की मानें तो स्ट्राबेरी यानी ड्रैगन फल एक औषाधिय फल होता है. स्ट्रॉबेरी में कई सारे विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो सेहत के लिए काफी लाभदायक होते हैं. इसमें विटामिन C, विटामिन A और विटामिन K पाया जाता है. यह आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ दांतों की चमक बढ़ाने में भी फायदेमंद होता है. इसके साथ ही जेली, आइसक्रीम और कई मिठाइयों के निर्माण में भी स्ट्रॉबेरी का उपयोग किया जाता है. इसी वजह से इसका बाजार मूल्य काफी अधिक है.
जानें कैसे करनी होगी इसकी खेती?
भारत में इसका उत्पादन पहाड़ी इलाकों जैसे कि नैनीताल, देहरादून, हिमाचल प्रदेश, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र, नीलगिरी, दार्जलिंग में व्यावसायिक तौर पर किया जा रहा है. स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए बलुई मिट्टी या दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है. स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने का सही समय 10 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक है. इसके लिए तापमान 30 डिग्री से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
एक एकड़ की खेती से इसकी शुरुआत कर सकते हैं. जानकार बताते हैं कि ठंडी जलवायु की फसल स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए पॉली हाऊस तकनीक सबसे बेहतर है लेकिन कम संसाधनों में फसल सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने धूप-पाले से बचाने वाली पॉली टनल की विधि अपना सकते हैं. हर दिन नियमित रूप से प्लांट्स को साफ करना होता है. पौधों में नमी बनी रहे इसलिए ड्रिप इरिगेशन से सिंचाई करनी चाहिए.
खेती के लिए पौधे कहां से खरीदे और मार्केटिंग कैसे करें?
इसे आप केएफ बायोप्लान्ट्स प्राइवेट लिमिटेड पुणे से पौधे खरीद सकते हैं. हिमाचल प्रदेश से भी इसका पौधा खरीदा जा सकता है. बेचने के लिहाज से यह बहुत जल्दी बिक जाने वाला फल होता है क्योंकि इसकी मांग अधिक है व पूर्ति कम है. ये बाज़ार में 300 से 600 रूपए तक आसानी से बिकता है.
इसकी खरीदार भी आपको फसल लगने के साथ ही मिल जाते हैं आप इसकी एडवांस बुकिंग भी ले सकते हैं. आपकी कुल लागत जो भी हो इससे आपको उस लागत का 3 गुना तो बहुत आसानी से मिलेगा ही है.
सरकार से मिलेगी मदद
बता दें कि इसके लिए अलग-अलग राज्यों में उद्यानिकी और कृषि विभाग की तरफ से अनुदान भी है.जिसमे प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रिप इरीगेशन फुवारा सिंचाई आदि यंत्र पर 40% से 50% तक अनुदान भी मिल जाता है. आप अपने राज्य के अनुसार कृषि विभाग से सहायता ले सकते हैं.
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