शहर के स्कूल-कॉलेजों, आवासीय जगहों और बाजारों के आसपास खुली शराब दुकानों की जगह बदलने की तैयारी कर ली गई है। फाफाडीह, लाखेनगर-रायपुरा, शंकरनगर समेत ऐसी जगहों पर विवादित दुकानों के लिए किराये की नई जगह लेने रायपुर आबकारी विभाग की ओर से टेंडर जारी किया गया है। लोगों से उनके गोदाम, दुकान और कॉमर्शियल स्पेस की जानकारी मांगी गई है।
इस टेंडर पर कई लोगों ने आपत्ति भी दर्ज कराई है। उनका कहना है कि विभाग के अफसरों ने कई लोगों से मिलीभगत कर टेंडर के नियम ऐसे बनाए हैं, जिनसे वे जिन्हें चाहते हैं उन्हें दुकानें दिला सकें। आबकारी विभाग की ओर से हर साल दुकानों के लिए टेंडर जारी किया जाता है। आमतौर पर किराये की दुकानों में एक साल में 80 लाख से एक करोड़ रुपए तक खर्च किए जा रहे हैं।
इस खर्चे को हर साल कम करने का दावा किया जाता है, लेकिन इसमें कुछ खास कमी नहीं हो रही है। इस बार भी यह खर्चा ज्यादा ही रहेगा। शराब दुकानों को लेकर इस बार विधायकों ने ही सबसे ज्यादा आपत्ति दर्ज कराई है। रायपुर उत्तर विधानसभा के विधायक कुलदीप जुनेजा ने फाफाडीह, शंकरनगर की दुकानों पर आपत्ति दर्ज कराई थी।
पश्चिम विधानसभा के विधायक विकास उपाध्याय ने गुढ़ियारी क्षेत्र की शराब दुकानों की जगह पर आपत्ति दर्ज कराई थी। ग्रामीण विधानसभा के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने खमतराई पूल के पास और गोगांव की शराब दुकान की जगह बदलने की मांग की थी। इन सभी शराब दुकानों की नई जगह तलाश करने के लिए इन्हें टेंडर में शामिल किया गया है।
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