छत्तीसगढ़स्लाइडर

किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर गरमाया सदन… भाजपा ने किया वॉकआउट…

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को भाजपा सदस्यों ने प्रदेश में किसानों की आत्महत्या का मामला जोरशोर से उठाया। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि 10 माह में प्रदेश में 141 किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें एक प्रकरण में पटवारी को निलंबित किया गया है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।

प्रश्रकाल में आज नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में किसानों का आत्महत्या का मामला उठाते हुए कृषि मंत्री से पूछा कि अप्रैल 2020 से लेकर 01 जनवरी 2021 तक कितने किसानों ने किन कारणों से आत्महत्या की है तथा कितने किसानों को कितना मुआवजा दिया गया और कितने मामलों में दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की गई।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने इन प्रश्रों का जवाब देते हुए कहा कि उक्त प्रश्रावधि में 141 किसानों द्वारा अलग-अलग कारणों से आत्महत्या की गई। उन्होंने बताया कि जिला कोण्डागांव के केशकाल में कृषक धनीराम मरकाम के आत्महत्या प्रकरण में अभिलेख दुरूस्ती एवं फसल गिरादावरी में त्रुटि पाये जाने पर पटवारी डोंगर नाग दोषी पाये जाने पर उन्हें निलंबित किया गया।

नेताप्रतिपक्ष श्री कौशिक ने इस पर कहा कि 10 माह में 141 किसान आत्महत्या करते है और कार्रवाई सिर्फ एक प्रकरण में पटवारी के खिलाफ की जाती है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में किसानों की सूद लेने वाला कोई नहीं है, उल्टा आत्महत्या करने वाले किसानों पर आरोप लगा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय मिलना चाहिए। इसके लिए जांच होनी चाहिए और सभी किसानों को मुआवजा राशि मिलनी चाहिए।

कृषि मंत्री श्री चौबे ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि पुराने 15 साल के कार्यकाल पर हम नहीं जाएंगे क्योंकि यह राजनीति करने का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि भाजपा इस पर राजनीति करना चाहती है। आत्महत्या शब्द मतलब पोस्टमार्टम से जुड़ा है इसलिए सारी रिपोर्ट का पोस्टमार्टम करना उचित नहीं है।

नेताप्रतिपक्ष ने इस पर कहा कि मैं पोस्टमार्टम नहीं कर रहा हूं, हां प्रश्रकाल के बाद जरूर पोस्टमार्टम करेंगे। इस पर हम राजनीति नहीं कर रहे है। हम चाहते है कि कम से कम मृतक कृषकों के घर जाकर उन्हें सहानुभूति तो दे सकते है और किसान आत्महत्या ना करें इसका रास्ता निकलना चाहिए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मुद्दे पर कहा कि किसानों की आत्महत्या की बात उठ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सदस्यों का नाम लिए बगैर कहा कि आप लोग सांत्वना दिए अच्छी बात है। पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू उसी गांव में रहते है। वहां फोटो सैशन किए गए। ये आपकी मानसिकता रहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग पेशी करने के लिए खड़े होते थे।
कांग्रेस सदस्य धनेन्द्र साहू ने कहा कि भाजपा शासन काल में हजारों संख्या में मौतें हुई पर एक रूपये भी मुआवजा राशि नहीं दी गई। ये रिकार्ड में है।

इस पर नेताप्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि मरे हुए किसानों के अपमान की बात आप लोग कर रहे है। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि जिस मामले में पटवारी को निलंबित किया गया क्या वो पर्याप्त है। पटवारी के खिलाफ एफआईआर भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तहसील पर क्या कार्यवाही की गई। उन्होंने कहा कि किसान ने नकली दवाईयों के कारण आत्महत्या की है।

इस पर कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि सुसाइट नोट केवल इसी मामले में मिला है। इसके बाद 50 दवाई दुकानों में छापा मार कार्यवाही की गई, जिसमें एक व्यापारी पर कार्रवाई भी की गई। इसके बाद नेताप्रतिपक्ष श्री कौशिक ने इस मुद्दे पर मंत्री द्वारा दिए समुचित उत्तर को असंतोषजनक बताते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया। जिसके बाद सभी भाजपा सदस्य सदन से बाहर जाकर पुन: कार्यवाही में शामिल हुए।

Back to top button
close