इसका फायदा छात्रों को मिलेगा। दसवीं में थ्योरी का पेपर 75 नंबर का है। इसमें पास होने के लिए 33 प्रतिशत यानी 25 नंबर जरूरी है। पिछले साल तक पास होने के लिए जरूरी 25 नंबर थ्योरी के पेपर यानी लिखित परीक्षा के आधार पर भी छात्रों को जुटाने पड़ते थे। लेकिन इस बार नए फार्मूले से रिजल्ट तैयार किया जाएगा।
इसके तहत लिखित परीक्षा भले ही 75 नंबर के लिए हो लेकिन इसका वेटेज 52 नंबर का रहेगा। इसके आधार पर मूल्यांकन होगा। जबकि 23 नंबर इस बार असाइनमेंट के लिए निर्धारित किए गए हैं। लिखित परीक्षा के नंबर और असाइनमेंट में मिले नंबर को जोड़कर रिजल्ट तैयार किए जाएंगे। असाइनमेंट छात्रों ने घर से लिखकर जमा किया है, इसलिए इसमें ज्यादा नंबर मिलने की संभावना है।
किसी छात्र को यदि 23 नंबर के असाइनमेंट में ही 18 से 20 नंबर तक मिल जाते हैं तो फिर पास होने के लिए थ्योरी में 5 से 7 नंबर और लाने होंगे। इसे पाना छात्रों के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। इस तरह से असाइनमेंट के फार्मूले से पास होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ेगी।
पिछले कुछ बरसों में दसवीं-बारहवीं का रिजल्ट जरूर बढ़ा है लेकिन फेल होने वाले छात्रों की संख्या भी अधिक है। पिछले साल दसवीं-बारहवीं में एक लाख से अधिक छात्र फेल हुए थे।
जिन असाइनमेंट में ज्यादा नंबर वे ही जोड़े जाएंगे
दसवीं-बारहवीं के प्रत्येक विषय के लिए कुल 6 असाइनमेंट हैं। इसमें से पांच जारी हो चुके हैं। फरवरी का असाइनमेंट आना अभी शेष है। 6 में से जिन 3 असाइनमेंट में छात्रों ने अधिक नंबर पाया है, उसे मान्य करते हुए रिजल्ट तैयार किया जाएगा। अफसरों का कहना है कि बोर्ड एग्जाम में शामिल होने के लिए छात्रों को तीन असाइनमेंट पूरा करना जरूरी है। इसके बगैर उन्हें बोर्ड एग्जाम में बैठने की पात्रता नहीं होगी। इसलिए असाइनमेंट सभी छात्रों के लिए जरूरी है।
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