योग गुरु बाबा रामदेव ने बीते 19 फ़रवरी को कोरोनिल नामक एक दवा लांच किया था। इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव के साथ केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और नितिन गडकरी भी मौजूद थे। बाबा रामदेव ने कोरोनिल को लेकर दावा किया था कि यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाणित है। लेकिन WHO के द्वारा इस दावे को ख़ारिज किए जाने के बाद बाबा रामदेव की गिरफ़्तारी की मांग उठने लगी है।
कोरोनिल दवा को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी का कहना था कि इस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत आयुष मिनिस्ट्री से सर्टिफिकेट ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट मिला हुआ है। बाबा रामदेव के इस दावे के बाद WHO ने बयान जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने कोरोना की किसी भी पारंपरिक दवा को मंजूरी नहीं दी है।
कोरोनिल के कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के मौजूद रहने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सवाल खड़े किए हैं। IMA ने पूछा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना सही है? साथ ही आईएमए ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन खुद एक डॉक्टर हैं और उन्हें कोरोनिल को इस तरह से बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
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