सेक्स लाइफ में कुछ नया करने के लिहाज से कंडोम निर्माताओं ने फ्लेवर्ड कंडोम बाजार में उतारे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि युवाओं में इसका क्रेज सबसे ज्यादा देखा जाता है। दावा किया जाता है कि ये कंडोम यौन जिंदगी को दिलचस्प और सुरक्षित बनाते हैं। आज कई अलग-अलग फ्लेवर में कंडोम उपलब्ध हैं। लेकिन इनका इस्तेमाल करने से पहले आपको इन कंडोम्स के बारे में कुछ जरूरी बातें जाननी चाहिए ताकि आपके निजी पलों में शंका और सवालों की कतई गुंजाइश न रहे…
इसलिए पड़ी जरूरत
फ्लेवर्ड कंडोम का इस्तेमाल ओरल सेक्स के चलते बहुत अधिक बढ़ा है। इस दौरान प्लेन कंडोम की गंध को दूर करने के लिए फ्लेवर्ड कंडोम को बाजार में उतारा गया। फ्लेवर और कंडोम कलर को मैच कराने के लिए ज्यादातर निर्माता बहुत अधिक सिंथेटिक कलर्स का प्रयोग करते हैं।
मगर सेफ है ओरल सेक्स
ओरल सेक्स (Oral Sex) में फ्लेवर्ड और कलर्ड कंडोम का काफी इस्तेमाल किया जाता है। कंडोम के निर्माता अपनी क्षमता के अनुसार पर्याप्त एहतियात बरतने का दावा करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके उत्पाद ओरल सेक्स में भी उपयोग के लिए सुरक्षित हों। इसलिए फ्लेवर्ड कंडोम का उचित और संयमित तरीके से किया गया इस्तेमाल हानि नहीं पहुंचाता। हालांकि, कुछ बेहद सेंसेटिव लोगों को इनसे दिक्कत हो सकती है, जो कुछ सावधानी के साथ दूर की जा सकती है।
केमिकल्स का यूज तो होता है
ज्यादातर कंडोम फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से स्वीकृत होते हैं और इनके साथ सेहत की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाता है। लेकिन बनाना (Banana) फ्लेवर के कंडोम को वैसा ही पीला रंग देने और स्ट्रॉबेरी फ्लेवर के कंडोम को मैचिंग का लाल रंग देने के लिए केमिकल्स का यूज होता ही है।
क्या दिक्कत हो सकती है?
फ्लेवर्ड कंडोम इस्तेमाल करने पर आमतौर पर पुरुषों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है। लेकिन ओरल या इंटरकोर्स की वजह से महिलाओं को वजाइना में खुजली, जलन, सूजन या फिर गले में खराश आदि की समस्या हो सकती है।
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