रायपुर/नई दिल्ली. कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद सोमवार को निधन हो गया है. वे 93 साल के थे. उनके परिजनों ने बताया कि यूरिनरी इंफेक्शन के बाद उन्हें एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां वह वेंटिलेटर पर थे. सोमवार को उनका निधन हो गया. रविवार (20 दिसंबर) को ही वोरा का जन्मदिन था.
मोतीलाल वोरा अक्टूबर में भी COVID-19 से संक्रमित हुए थे. उस समय कई दिनों तक दिल्ली के AIIMS में इलाज के बाद उन्हें छुट्टी मिल गई थी. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम (Mohan Markam) ने बताया कि मंगलवार को सुबह 11 बजे वोरा का पार्थिव शरीर रायपुर लाया जाएगा. उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं के दर्शन के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में रखा जाएगा.
छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषित किया तीन दिन का राजकीय शोक
छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने मोतीलाल वोरा के निधन के बाद तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है. इस वजह से सभी शासकीय भवनों और जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाते हैं वहां 23 दिसंबर तक ध्वज आधे झुके रहेंगे. इसके अलावा प्रदेश में शासकीय स्तर पर कोई मनोरंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा. वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा.
सीएम भूपेश बघेल और पूर्व सीएम रमन सिंह ने किया याद
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जारी बयान में कहा कि बाबूजी मोतीलाल वोरा का जाना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे कांग्रेस परिवार के लिए एक अभिभावक के चले जाने जैसा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीनी स्तर से राजनीति शुरू कर राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और आजीवन एक समर्पित कांग्रेसी रहे. उनकी जगह कभी नहीं भरी जा सकेगी.
जबकि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहे मोतीलाल वोरा जी के निधन का समाचार दुःखद है. उनका जाना व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए बड़ी क्षति है, वह सदैव छत्तीसगढ़ की आवाज़ बनकर रहे. ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे. ओम शांति. विनम्र श्रद्धांजलि.’
राहुल और प्रियंका ने जताया शोक
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, ‘वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और बेहतरीन इंसान थे. हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी. उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरा स्नेह एवं संवेदना है.’ इसके अलावा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने वोरा के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है.
वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे. साथ ही कहा कि 92 साल की उम्र में भी हर बैठक में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए. आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं. हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे.’
आपको बता दें कि वोरा ने अपने पांच दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में पार्टी और सरकार में कई अहम भूमिकाओं का निर्वहन किया. वह इस साल अप्रैल तक राज्यसभा के सदस्य रहे और कुछ महीने पहले तक कांग्रेस के महासचिव (प्रशासन) की भूमिका निभा रहे थे. उन्होंने करीब दो दशकों तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और संगठन में कई अन्य जिम्मेदारियां निभाईं. वह 1980 के दशक में दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे. केंद्र में पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में उन्होंने स्वास्थ्य और नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में भी सेवा दी.
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