रायपुर. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने के बाद दूसरी बार अफसरशाही को लेकर वर्तमान और पूर्व सीएम के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। पहली बार सरकार के शुरुआत दौर में अफसरों पर भाजपा एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगा था। उस समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गड़बड़ी फैलने वाले अफसरों के लिए कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी।
अब सरकार के दो साल पूरा होने पर अफसर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निशाने पर हैं। रमन ने कवर्धा में शुक्रवार को अफसरों को सार्वजनिक मंच से चेतावनी दी, तो शनिवार को ठेके पर काम करने वाला बता दिया। इस बार बचाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सामने आए और रमन से कहा कि वे अफसरों को डराने और धमकाने की कोशिश न करें।
रमन इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें तो अच्छा: मुख्यमंत्री बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के बयान को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आक्रामक तेवर दिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा, रमन सिंह इस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें तो अच्छा है। रमन सिंह 15 साल इन्हीं अधिकारियों के भरोसे राज करते रहे हैं। आज ये अधिकारी हमारी सरकार के फैसले के मुताबिक काम कर रहे हैं, तो उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश न करें।
मुख्यमंत्री बघेल ने शनिवार को राजधानी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए तबादला और पदस्थापना के आरोपों पर भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा, अधिकारियों का ट्रांसफर परफॉर्मेंस के आधार पर होता है। रमन सिंह एक ट्रांसफर करने में दो साल लगा देते थे। ट्रांसफर सजा थोड़ी न है। हमारी सरकार में जो अधिकारी ठीक काम नहीं करते उनकी जगह पर दूसरे को मौका दिया जाता है।
वहीं चंदखुरी से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, रमन सिंह 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद भी राम वन पथ गमन नहीं बना सकें। आज जब हम पर्यटन और संस्कृति के हिसाब से इसका विकास कर रहे हैं, तो उनको पीड़ा क्यों हो रही है।
ठेके पर जा रहे हैं अफसर, जगह की हो रही नीलामी- रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कवर्धा के बाद रायपुर में भी अफसरशाही को लेकर बड़ा हमला बोला है। भाजपा एकात्म परिसर में कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए अधिकारी ठेके पर जा रहे हैं। जगह की नीलामी हो रही है।
उन्हें पता है कि समय कम है, वसूली कर लो। कवर्धा विवाद को लेकर उन्होंने कहा, प्रदेश में अजीब तमाशा चल रहा है। सभा की अनुमति देने के बाद उस आदेश को रद्द कर दिया गया। प्रदेश में तानाशाही का दौर चल रहा है। सरकार मासूम बेटी के साथ दुष्कर्म करने वालों को जेल में डालने को तैयार नहीं है। मंत्री, अफसर अपराधियों को बचाने में लगे हुए हंैं। अब तक एक रुपए तक मुआवजा नहीं दिया गया है।
बता दें, शुक्रवार को कवर्धा में भाजपा किसान महापंचायत थी। एेन समय में प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल की अनुमति बदल दी थी। इसे लेकर रमन ने कहा था, अधिकारियों को गिने-चुने दिन ही रहना है। उन्हें इतने तलवे चाटने की जरूरत नहीं है। जबरदस्ती इतना स्वामिभक्त मत बनो। वक्त बदलता है। सरकार के दो साल बीत गए हैं। तीन साल बाद हिसाब-किताब करने हम भी आएंगे। इसलिए ज्यादा गर्मी न दिखाएं।
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