नई दिल्लीः कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसानों का जत्था राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर डटा हुआ है। वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कानूनों को सरकार की मंशा स्पष्ट कर दी है, उन्होंने कहा है कि इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार लिखित में भरोसा देने के लिए भी तैयार है। दूसरी ओर किसानों ने मोदी सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दे दिया है।
पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद किसान नेता बूटा सिंह ने कहा है कि हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। अगर प्रधानमंत्री हमारी बात नहीं सुनते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देश के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे। संयुक्त किसान मंच एक तारीख तय करेगा और इसकी घोषणा करेगा।
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि ‘केंद्र सरकार ने माना है कि कानून व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं। यदि कृषि राज्य का विषय है, तो उन्हें इसके बारे में कानून बनाने का अधिकार नहीं है।
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