जानिए छत्तीसगढ़ का वह गांव जहां आज खेली जा रही होली, आखिर क्यों

रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित पूरा देश जहां 1 और 2 मार्च को होली के रंग में सराबोर होगा। वहीं छत्तीसगढ़ का एक गांव अपने ग्राम देवता का मान रखने हफ्तेभर पहले ही होली मना रहा है। यानी आज 25 फरवरी को धमतरी जिले के अंतर्गत आने वाले सेमरा (सी) में रविवार और सोमवार को होली खेली जा रही है।
करीब दो सौ की आबादी वाले सेमरा गांव के ग्रामीण सैकड़ों वर्षों से इस अनोखी परम्परा को निभा रहे हैं। ग्राम देवता का मान रखने के लिए इस गांव के निवासी होली का त्योहार तय तिथि से एक सप्ताह पूर्व ही मना लेते हैं। इस परंपरा की शुरुआत कब हुई, इसे ग्रामवासी आज भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। गांव के लोंगो अनुसार सैकड़ों वर्ष पूर्व उनके गांव में कोई बुजुर्ग आए और यहीं बस गए। उनका नाम सिरदार था। गांव वालों को उनमें बहुत आस्था थी और उन्हें ग्राम देवता माना जाता है। मान्यता के अनुसार उनके ही कहने पर इन चार त्यौहारों (होली, हरेली, पोला और दीपावली) को गांववालों ने निर्धारित तिथि से एक हफ्ता पहले मनाने की परम्परा शुरू कर दी।
ग्राम सेमरी (सी) के सरपंच सुधीर बललाल ने बताया कि इस वर्ष 24 फरवरी को होलिका दहन किया गया और 25 फरवरी को होली खेली जा रही है। गांव की फाग मंडली नगाड़ों की धुन में फाग गायन करते है, फाग गीतों के स्वर फूटते ही गांव के बच्चे, युवा और बुजुर्ग डंडा नृत्य पर जमकर झूमते हैं। अब तक किसी ने भी अपने पूर्वजों के जमाने से चली आ रही इस परम्परा से मुंह नहीं मोड़ा है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस परम्परा की शुरुआत कब हुई, इससे ग्रामीण अनजान हैं। यहां ग्राम देवता सिरदार देव के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रतिवर्ष त्योहार एक सप्ताह पूर्व ही मना लिए जाते हैं। मान्यता है कि किसी किसान को स्वप्न देकर सिरदार देव ने कहा था कि प्रतिवर्ष दीपावली, होली, हरेली व पोला ये चार त्योहार हिंदी पंचाग में तय तिथि से एक सप्ताह पूर्व मनाए जाएं ताकि इस गांव में उनका मान बना रहे। तब से ये चार त्योहार प्रतिवर्ष ग्रामदेव के कथनानुसार मनाते आ रहे हैं।