छत्तीसगढ़

खेल मैदानों के दुरुपयोग पर खिलाडिय़ों ने जताई आपत्ति

रायपुर। शहर के गिने-चुने खेल मैदानों का आये दिन किसी उत्सव धार्मिक आयोजन अथवा प्रदर्शिनी के लिए दुरुपयोग होता रहता है। प्रदेश के खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए खेल मैदानों की कमी के चलते परेशान होना पड़ रहा है। शहर के खिलाडिय़ों आलोक साहू, वैभव श्रीवास्तव, नीता डुमरे, आभा सोलंकी, निशा बंजारे एवं अभिषेक पांडेय ने शहर के खेल मैदानों यथा ईदगाह भाटा मैदान, सप्रे स्कूल मैदान, एवं बीटीआई ग्राउंड का दुरुपयोग करने पर सख्त आपत्ति व्यक्त करते हुये शासन से खेल मैदानों को खिलाडिय़ों के लिए सुरक्षित रखने की मांग की है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिदृश्य में अभी छग की पहचान बननी बाकी है। इतिहास के आईने में राजनांदगांव की लालबाग की हाकी टीम ने एक समय में छग का परचम खेल की दुनिया में फहराने में जबर्दस्त सफलता प्राप्त की थी। अतीत में रायपुर के मुश्ताक खान ने गोल पर गोल मारकर रायपुर का नाम देश में रौशन किया था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ओलंपियन खिलाड़ी तैयार करने के लिए जरूरी है कि खेल मैदानों को खिलाडिय़ों के अभ्यास के लिए सुरक्षित रखा जाए। यह विचार अविभाजित मप्र के राष्ट्रीय स्तर के हाकी खिलाड़ी पूर्व मुख्य अभियंता एच सी शुक्ला ने व्यक्त किये।

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