छत्तीसगढ़

महंगा सामान होने से ‘आमचो बाजार’ में नहीं जाते ग्राहक

जगदलपुर। बस्तर में लोगों को शुद्ध व प्राकृतिक जैविक खाद से उत्पादित साग-सब्जी सहित चांवल आदि अनाज उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन की कोशिशों से आमचो बाजार की स्थापना की गई है और इस बाजार में इन उत्पादों का मूल्य महंगा होने से ग्राहक बाजार में पहुंच ही नहीं रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यह बाजार स्थानीय स्तर पर जैविक खाद से उत्पादित वस्तुओं को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए खोला गया है। लेकिन बढ़ती हुई महंगाई और घटती हुई आय से यह बाजार उपभोक्ताओं को उतना अधिक आकर्षित नहीं लग रहा है, जितने की अपेक्षा की गई थी। इस संबंध में यह स्मरणीय है कि इस बाजार के अंतर्गत उन्हीं वस्तुओं का विक्रय होता है जो प्राकृतिक रूप से जैविक खाद के उपयोग से उत्पादित होते हैं। एक बार बाजार शुरू होने के बाद इसके प्रचार-प्रसार की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिसके कारण सीमित लोगों को ही इस बाजार के बारे में पता है जबकि 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को इस बाजार के अस्तित्व होने के बारे में पता ही नहीं है।
इस संबंध में लोगों के एक बड़े समूह ने यह भी मत व्यक्त किया कि संजय बाजार में साग-सब्जी सहित उपभोक्ता को अन्य सभी सामग्रियों की उपलब्धता आसानी से हो जाती है और आज के व्यस्त समय में वह केवल सब्जी लेने के लिए ही लालबाग स्थित बाजार में नहीं पहुंच पाता है। इसीलिए एक तो वहां जाने में लोगों का रूझान कम होता है दूसरे वह अपना कार्य संजय बाजार से ही निपटाकर समय की पूर्ति कर लेता है। जिससे इस बाजार में केवल वही लोग जा पाते हैं जिनको ऐसे उत्पाद ही लेना है।
इसका परिणाम यह हो रहा है कि इस बाजार में लोगों की पहुंच सीमित होकर रह गई है और यहां के साग सब्जी विक्रेताओं को सामग्री बच जाने पर विवशतावश अन्य विकल्प अपनाकर अपनी सामग्री बेचने की कोशिश करनी पड़ती है। इसके लिए नागरिकों ने सुझाव दिया है कि निगम के संजय बाजार में इन उत्पादों को बेचने के लिए कोई विक्रय केन्द्र स्थापित कर दिया जाए तो न केवल इससे जैविक उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी,वरन अधिकाधिक लोगों को इसकी जानकारी से इस बाजार में बैठने वाले विक्रेताओं को ग्राहक की कमी का कोई रोना नहीं रहेगा।

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