गांव में रहने वाले लोगों को अब नहीं होगी बिजली बल्ब खरीदने में दिक्कत. भारत की एनर्जी एफिशिएंट सर्विसेस लिमिटेड (EESL) ग्रामीण इलाकों में 10 रुपये प्रति बल्ब (LED buld in rural india) की दर से करीब 60 करोड़ बल्ब मुहैया कराने की योजना बना रही है. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आपको 70 रुपये का बल्ब ऐसे मिलेगा 10 रुपये में.
ये योजना भी बिना किसी सब्सिडी या सरकारी मदद के करने की योजना है. EESL के इस कदम को मेक इन इंडिया (Make in india) को बढ़ावा देने वाला और भारत के जलवायु परिवर्तन रणनीति को आगे बढ़ाना वाला माना जा रहा है. इससे ग्राम उजाला (Ujala) स्कीम को भी बढ़ावा देने वाला माना जा रहा है.
10 रुपये में मिलेगा 70 रुपये का बल्ब: EESL अभी दुनिया का सबसे बड़ा लाइटिंग प्रोग्राम चला रहा है. सरकार की उजाला स्कीम के तहत 2014 में 310 रुपये में बिकने वाला एलईडी बल्ब अब 70 रुपये तक आ चुका है. लेकिन अब गांव के लोग इसी बल्ब के 10 रुपये देंगे और बाकी के 60 रुपये कार्बन क्रेडिट से आए रेवेन्यू के जरिए दिए जाएंगे. बता दें कि सरकार ग्राम उजाला स्कीम यूनाइटेड नेशन के क्लीन डेवलपमेंट मैकैनिज्म (CDM) के तहत चला रहा है, जिसमें कार्बन क्रेडिट क्लेम करने का फायदा मिलता है.
EESL का ये कदम इसलिए महत्वपूर्ण: 36 करोड़ एलईडी बल्ब का सिर्फ पांचवां हिस्सा या करीब 18 फीसदी ही ग्राम उजाला स्कीम के तहत ग्रामीण इलाकों में बांटा गया है. ग्राम उजाला स्कीम के तहत ग्रामीण इलाकों में बिजली की पहुंच को भी बढ़ावा मिलेगा. कोरोना वायरस महामारी के चलते चीन से बहुत सारी कंपनियां बाहर निकलने की तैयारी कर रही हैं. ऐसे में EESL का ये कदम बहुत सारी कंपनियों को अपनी ओर खींचने वाला साबित होगा.
शुरुआत होगी 1 करोड़ बल्ब से: सबसे पहले स्कीम के तहत 1 करोड़ एलईडी बल्ब ऑफर किए जाएंगे. इसके लिए कुल 4000 करोड़ रुपये का निवेश लगेगा, जिसमें से 600 करोड़ रुपये ग्रामीण कंज्यूमर्स से आएंगे और बाकी का कार्बन क्रेडिट के रेवेन्यू से पूरा किया जाएगा. इसी तरह चरणों में सारे बल्ब ऑफर किए जाएंगे. EESL के अनुसार भारत अभी दुनिया में एलईडी बल्ब का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. उजाला स्कीम से बिजली की आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेगी.
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