लखनऊ से आ रही एक खबर ने सबको चौंका दिया है। जहां मीडिया रिपोट्र्स में कहा जा रहा है कि एक महिला शिक्षिका एक साथ 25 स्कूलों में पढ़ाती थी और उसने फरवरी महीने में ही एक करोड़ वेतन आहरण कर लिया है। जाहिर सी बात है, जब इस महिला शिक्षिका के कारनामे सामने आए तो सुनकर होश तो उड़ ही जाएंगे। बहरहाल, अब इस पर जांच की बात सामने आ रही है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, उत्तरप्रदेश राज्य के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में कार्यरत एक शिक्षिका का वेतन 1 करोड़ निकला। इसके लिए शिक्षिका प्रदेश के 25 स्कूलों में एक साथ नौकरी कर वेतन पा रही थी. ये मामला संज्ञान में तब आया जब विभाग ने शिक्षकों का डेटाबेस बनाना शुरू किया और अब विभाग ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, अब शिक्षकों का डिजिटल डेटाबेस बनाया जा रहा है और इस प्रक्रिया के दौरान केजीबीवी में काम करने वाली पूर्णकालिक शिक्षिका अमेठी, अंबेडकरनगर, रायबरेली, प्रयागराज, अलीगढ़ और अन्य जिलों में एक साथ 25 स्कूलों में काम करती हुई पाई गईं।
एक डिजिटल डेटाबेस के बावजूद, शिक्षिका इस साल फरवरी तक का वेतन धोखाधड़ी कर विभाग से निकालने में सफल रही. शिक्षिका ने 13 महीनों तक का वेतन लगभग 1 करोड़ रुपये निकाले हैं. विभाग के मुताबिक, अनामिका शुक्ला नाम की महिला 25 स्कूलों में शिक्षिका के तौर पर काम कर रही थी.
विभाग के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार मैनपुरी जिले की मूल निवासी है। विभाग ने अनामिका को नोटिस भी भेजा है लेकिन शिक्षिका की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. फिलहाल शिक्षिका का वेतन तत्काल रोक दिया गया है और विभाग यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या विभिन्न स्कूलों के वेतन के लिए एक ही बैंक खाते का उपयोग किया गया था?
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