भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ लेने वाले शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शिवराज सरकार को 104 के आंकड़े की जरूरत थी, लेकिन बीजेपी ने 112 विधायकों का समर्थन साबित किया।
सोमवार देर रात को ही शिवराज ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इससे पहले 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आने के कारण कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
विधानसभा में शिवराज सरकार को कुल 112 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ। इसमें भाजपा के 107 के अलावा बसपा-सपा और निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी का समर्थन किया।
बता दें कि सोमवार को शपथ लेने के बाद शिवराज की ओर से विधानसभा का चार दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है, जो 24 मार्च से 27 मार्च तक चलेगा। विधानसभा के चार दिवसीय विशेष सत्र में सदन की कुल तीन बैठकें होंगी।
बता दें कि कमलनाथ सरकार के इस्तीफे के चार दिन बाद सोमवार की शाम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसी के साथ शिवराज प्रदेश के पहले नेता हैं, जो चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं।
शिवराज के हाथों में सत्ता की कमान आते ही विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने आधी रात को ही स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा उपाध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने नैतिकता को आधार बनाया है।
शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गए। उन्होंने सबसे पहले कोरोना वायरस (ष्टह्रङ्कढ्ढष्ठ19) के मद्देनजर वल्लभ भवन में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों एवं केन्द्र से आए उच्च अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की और इससे निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय पहुंचे और पूजा-अर्चना भी की।
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