नई दिल्ली। नौकरी करने वालों के लिए प्रोविडेंट फंड का पैसा काफी अहम होता है। क्योंकि ये रकम कई जरूरतों को पूरा करती है। अगर आप भी अपनी प्रोविडेंट फंड में जमा राशि को दोगुना करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक छोटा सा कदम उठाना होगा। आपको अपने एम्प्लॉयर से बात करनी होगी।
इसमें करना सिर्फ इतना है कि आप अपने सैलरी स्ट्रक्चर में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं। अपने एम्प्लॉयर से पीएफ कंट्रीब्यूशन को बढ़वा सकते हैं। इससे आपकी सैलरी में इन हैंड थोड़ा कम जरूर होगा। लेकिन, आपका फंड दोगुना हो सकता है।
साथ ही बचत और टैक्स के लिहाज से अच्छा विकल्प मिल सकेगा। आपको बता दें कि नौकरीपेशा लोगों की सैलरी से कटने वाली रकम दो खातों में जाती है। पहला प्रोविडेंट फंड यानी EPF और दूसरा पेंशन फंड यानी EPS होता है।
कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जमा हो जाता है। इसके अलावा कंपनी की ओर से 3.67 फीसदी EPF में और बाकी 8।33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना में जमा होता है।
कैसा बढ़ेगा ईपीएफ का पैसा
(1) अगर कोई भी कर्मचारी अपने मासिक योग को दोगुना करा ले तो उसके पीएफ फंड की राशि भी खुद दोगुनी हो जाएगी। मतलब मौजूदा व्यवस्था में बेसिक सैलरी पर 12 फीसदी पीएफ का योगदान होता है। लेकिन, अगर कर्मचारी इसे बढ़ाकर 24 फीसदी करा ले तो उसका पीएफ फंड भी दोगुना हो जाएगा।
(2) पीएफ फंड दोगुना तेजी से बढ़ने के अलावा आपको इसे पर डबल ब्याज का भी फायदा मिलेगा। दरअसल, पीएफ पर ब्याज की गणना चक्रवृद्धि ब्याज फार्मूला से होती है।इसे कंपाउंडिंग इंटरेस्ट भी कहा जाता है। ऐसी स्थिति में फंड दोगुना जमा होगा और हर साल ब्याज पर ब्याज का फायदा भी मिलेगा। इस तरह आपके रिटायरमेंट के लिए मोटा फंड तैयार होगा।
(3) अगर आपका एम्प्लॉयर आपके पीएफ कंट्रीब्यूशन को बढ़ा देती है। तो आपके पीएफ अकाउंट में हर महीने पीएफ फंड में ज्यादा पैसा जमा होगा।
(4) अगर समय रहते पीएफ कंट्रीब्यूशन को बढ़ाया जाए तो रिटायरमेंट के वक्त आपका फंड डबल हो सकता है। मौजूदा वक्त में एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड यानी EPF पर 8.65 फीसदी ब्याज मिलता है। पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ाने से आपकी पीएफ राशि पर मिलने वाला ब्याज भी अधिक होगा
(5) EPFO का नियम हर कर्मचारी को यह छूट देता है कि वो अपनी कंपनी में अपना पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़वा सकता है। एम्पॉलाई प्रॉविडेंट फंड एक्ट के तहत उसे यह छूट दी जाती है।
(6) नियमों के मुताबिक, प्रोविडेंट फंड में बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी कर्मचारी के हिस्से में जमा होता है।
(7) इतना ही हिस्सा कंपनी की तरफ से भी कर्मचारी के खाते में जमा होता है। कोई भी कर्मचारी अपने मंथली कंट्रीब्यूशन को बेसिक सैलरी के 100 फीसदी तक बढ़वा सकता है।
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