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देश में कोरोना का कहर ! जानिए किन लोगों को है कोरोना से दोबारा संक्रमित होने का ज्यादा खतरा…

कोरोना वायरस से संक्रमित रहे ज्यादातर लोग कम से कम छह महीने तक दोबारा इसकी चपेट में नहीं आते हैं, लेकिन 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग मरीजों के फिर से संक्रमित होने का कहीं अधिक खतरा है।

‘द लांसेट’ जर्नल के एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है। डेनमार्क के स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने देश की राष्ट्रीय कोविड-19 जांच रणनीति के तहत आंकड़े एकत्र किये। इसके जरिए 2020 में दो-तिहाई आबादी की जांच की गई।

वैज्ञानिकों के मुताबिक अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के कोविड-19 की चपेट में आने की कहीं अधिक संभावना होने का पता चला। अध्ययन के तहत वैज्ञानिकों ने उम्र एवं लैंगिक आधार पर और संक्रमण के समय में अंतर पर गौर करते हुए पॉजिटिव और नेगेटिव जांच परिणामों के अनुपात का आकलन किया।

वैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन के नतीजे महामारी के दौरान बुजुर्ग आबादी की सुरक्षा के लिए उपाय किये जाने का महत्व बताते हैं।

कोविड-19 के कारण भारत के 26 प्रतिशत बुजुर्गों की सेहत प्रभावित हुई

देश में कोविड-19 की स्थिति से 26 प्रतिशत वृद्ध लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ा जिन्होंने इस महामारी को चिंता का कारण बताया और 24.95 प्रतिशत लोगों ने कहा कि महामारी से उन्हें मनोवैज्ञानिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। गैर सरकारी संगठन ‘एजवेल फाउंडेशन’ द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई।

इसके लिए संगठन ने 27 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 10 हजार वरिष्ठ नागरिकों से बातचीत की। अध्ययन के अनुसार, लगभग 26 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि कोविड-19 ने उनके स्वास्थ्य पर असर डाला और इनमें से अधिकतर लोगों ने इसे चिंता का मुख्य कारण बताया।

वहीं, 24.95 बुजुर्गों के अनुसार, महामारी के कारण मनोवैज्ञानिक समस्याएं उत्पन्न हुईं जो कि उनकी चिंता का मुख्य कारण था।

कोविड-19 टीका लगवा चुके लोगों को भी लगाना चाहिए मास्क

अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कहा कि जिन लोगों को टीका लग चुका है वे ऐसे कार्यक्रमों का आनंद उठा सकते हैं जहां लोग कम संख्या में हों, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर उन्हें भी मास्क पहनना और सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना चाहिए।

सीडीसी ने कहा कि पूरी तरह से टीका लगवा चुके लोग टीका लगवा चुके अन्य लोगों के साथ किसी बंद स्थान पर बिना मास्क लगाए एकत्रित हो सकते हैं। उसने यह भी कहा कि आप टीका न लगवाए किसी एक परिवार के लोगों से भी मिल सकते हो लेकिन वे ऐसे लोग होने चाहिए जिनमें गंभीर कोविड-19 की चपेट में आने का खतरा कम हो।

कोविड-19 के टीके से रक्त के थक्के जमने के मामले बहुत ही दुर्लभ

टीकों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक शीर्ष विशेषज्ञ ने कहा है कि यदि स्वास्थ्य प्राधिकार कोविड-19 के एस्ट्राजेनेका टीके और रक्त के थक्के जमने के बीच कोई संबंध होने की पुष्टि कर देते हैं, तो भी लोगों को इस बारे में आश्वस्त रहना चाहिए कि ऐसे मामले बहुत ही दुर्लभ हैं।

WHO के टीकाकरण एवं टीका विभाग की प्रमुख डॉ केट ओ ब्रायन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी और यूरोपियन मेडिसींस एजेंसी (यूरोपीय औषधि एजेंसी) रक्त के थक्के जमने और एस्ट्राजेनेका टीके की खुराक के बीच संबंध होने की संभावना की जांच करने की कोशिश कर रही है।

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