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CM भूपेश बघेल ने कहा पूरे प्रदेश में आदिवासी दिवस की लहर…विभिन्न अंचलों में भव्य आयोजन…सरकार ने बस्तर में लौटाई जमीन…जाति प्रमाण पत्र का जल्द होगा सरलीकरण बनाई गई है कमेटी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस पर कहा आज पूरे प्रदेश में आदिवासी की लहर दिख रही हैं। विभिन्न अंचलों में भव्य रूप से कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा हैं। कांग्रेस की सरकार ने आदिवासियों के खुशहाली की लिए बस्तर में आदिवासियों की जमीन लौटाई हैं ताकि उनका जीवनयापन होता रहा हैं।

प्रदेश में आदिवासी दिवस की घोषणा भी कि गई हैं। साथ ही यह भी कहा जााति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही है दिक्कतों को सरलीकरण भी किया जा रहा हैं। जिसके लिए एक कमेटी बनाई गई हैं।



इसी क्रम मेंप्रदेशवासियों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीें जयंती के उपलक्ष्य पर आगामी 2 अक्टूबर से छत्तीसगढ़ को कुपोषण से मुक्त करने के लिए प्रदेश के सभी आंकाक्षी जिलों में अभियान प्रारंभ करने की घोषणा की है।

इस अभियान के तहत कुपोषण और एनीमिया से पीडि़तों को प्रतिदिन नि:शुल्क पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएगा। आगामी 3 साल में छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में प्री-मैट्रिक छात्रावास के छात्रों की छात्रवृत्ति 700 रूपए से बढ़ाकर एक हजार करने, कोंडागांव कॉलेज में सीट बढ़ाने की घोषणा की। वहीं मांझी, चालकियों का नाम जो छूट गए हैं उनके बारे में कैबिनेट में निर्णय लिए जाने की बात कही।



मुख्यमंत्री ने आज जिला मुख्यालय कोंडागांव में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के समारोह को संबोधित कर रहे थें। इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, बस्तर सांसद दीपक बैज, कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम सहित अनेक विधायक और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुपोषण मुक्ति का यह कार्यक्रम बीते जुलाई माह से बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों की चुनिंदा पंचायतों में संचालित हो रहा है। कुपोषण और एनीमिया मुक्ति के इस अभियान में जिलों में कार्यरत प्रतिष्ठित चेरिटेबल संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, एनजीओ, मीडिया समूहों एवं अन्य समर्थ लोगों की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।



मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और समाज के सभी वर्गो से अभियान में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि नीति आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार राज्य में 5 साल से कम उम्र के 37.60 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से तथा 15 से 49 वर्ष की 41.50 प्रतिशत बेटियां और माताएं एनीमिया से पीडि़त हैं।

कुपोषण एवं एनीमिया के कारण देश में प्रतिवर्ष लाखों बच्चों की मौत हो जाती है, लाखों बच्चे जन्म के समय से ही कम वजन के होते हैं, उनकी ऊंचाई नहीं बढ़ती तथा उनके शारीरिक और मानसिक विकास की प्रक्रिया अवरूद्ध हो जाती है, इस तरह जन्म लेते ही उनकी नियति तय हो जाती है। इस विकट समस्या के निराकरण के लिए अत्यंत गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है।
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राज्य सरकार ने प्रदेश को कुपोषण एवं एनीमिया की इस पीड़ा से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया है। इस कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायतों और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से प्रत्येक ग्राम पंचायत में कुपोषण एवं एनीमिया पीडि़तों की चिन्हांकित सूची अनुसार उनकी शारीरिक आवश्यकता तथा रूचि अनुरूप प्रतिदिन पौष्टिक भोजन नि:शुल्क दिया जाएगा।

इसके लिए आवश्यक राशि प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रतिदिन भोजन करने वालों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। इस अभियान का गांधी जयंती के दिन से क्रियान्वयन आरंभ किया जाएगा।



इस संबंध में मुख्य सचिव और जिला कलेक्टरों को पंचायतवार पीडि़तों की सूची, आवश्यक पौष्टिक तत्वों का आंकलन तथा आवश्यक धन राशि का आंकलन आगामी एक माह में करने को कहा गया है।

अभियान हेतु आवश्यक धन राशि डीएमएफ सीएसआर पंचायतों की मूलभूत मद की राशि अथवा विकास प्राधिकरणों में उपलब्ध आबंटन में की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि सभी के सक्रिय सहयोग से कुपोषण एवं एनीमिया के महारोग को आगामी 3 वर्षों में राज्य से पूरी तरह से मुक्त कर लिया जाएगा, जिससे छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण की सार्थकता सिद्ध हो सके।

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