रायपुर। चुनाव में जीत हासिल करने और शपथ ग्रहण के बाद से वार्डो में पार्षद भी एक्शन में आ गए हैं। लेकिन महंत लक्ष्मीनरायणदास वार्ड का हाल कुछ अलग नजर आ रहा हैं। बड़े-बड़े वादाओं के साथ निर्दलीय पार्षद जितेन्द्र अग्रवाल ने पार्षद की कुर्सी तो हासिल कर ली हैं। लेकिन वार्डो की समस्याओं से दुर हो गए हैं। चंद घंटे और गिने हुए चौक-चौराहों पर खड़े होकर सफाई कर्मचारियों को निर्देश देते हैं। लेकिन पूरे वार्ड का हाल-बेहाल।
आमजनता ठगी हुई मान रही हैं। वहीं पार्षद जितेन्द्र अग्रवाल जब वार्डो में भ्रमण के लिए निकलते भी है तो अपने बाउंसरों के साथ निकलते हैं। अगर आम जनता राह चलते कही उनसे अपनी समस्या बताने का प्रयास करे तो बाउंसरों की तिरछी नजर देख उल्टे पैर लौट जाते हैं। धनबल के प्रयोग से जितेन्द्र ने पार्षद की कुर्सी तो हासिल कर ली है लेकिन आमजनता से दूर हो गए हैं। नालियों की सफाई नियमित रूप से नहीं हो पा रही हैं अगर कही हो भी रहा है तो कचरा उठ नहीं रहा है।
जिससे मच्छर पनप रहे है बदबू के चलते लोग घर से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में लोग पूर्व पार्षद राजेश सिंह ठाकुर के समक्ष जाकर समस्याओं से अवगत करा रहे हैं और प्रदेश में सरकार होने का हवाला देकर व्यवस्था दुरूस्त कराने की बात कह रहे हैं। ऐसे में पूर्व पार्षद ठाकुर और निर्दलीय पार्षद के रवैया को देखते हुए लोगों की समस्याओं से अवगत होकर जल्द निजात दिलाने का आश्वासन देकर लोगों के बीच बने हुए हैं।
हालांकि वर्तमान वार्ड पार्षद ने कांग्रेस को समर्थन देकर इस बात से अवगत करा दिया है कि सत्तापक्ष के साथ होने से ही वार्ड में विकास होगा। लेकिन फिर विकास कहा है यह देखना होगा। वहीं इस वार्ड के सतबहनिया माता मंदिर का क्षेत्र भी समस्याओं से ग्रस्ति है नाली टुट चुके हैं।
वहीं वार्डो में पाईप लाईन बिछाने का कार्य भी रूका हुआ हैं। वार्ड के पार्षद जितेन्द्र अग्रवाल का अडियल रवैया शुरूआत में ही ऐसा है तो अभी पूरे पांच साल बाकी हैं। वहीं चुनाव के पूर्व वार्डो को परिसिमन के तहत बाटा गया है जिससे कई लोग वार्ड को ढुंढ भी रहे है जो पूर्व वार्ड से अगल होकर वर्तमान महंत लक्ष्मीनारायणदास वार्ड में जुड़े हैं। ताकि अपनी मूलभूत समस्याओं को बता सके।
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