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निर्भया के दोषी विनय ने की टॉयलेट में खुदकुशी की कोशिश… पुलिस ने बचाया…

नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के 4 दोषियों में से एक विनय ने बुधवार को सुसाइड की कोशिश की। उसने जेल में फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की है। हालांकि, वहां मौजूद सिपाहियों की निगाह पड़ने पर उसे बचा लिया गया।

सुसाइड की यह कोशिश ऐसे वक्त में की गई जब दोषियों पर सीसीटीवी से 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। विनय द्वारा सुसाइड की कोशिश किए जाने का यह दावा उसके वकील एपी सिंह ने किया है, जबकि तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ऐसी किसी घटना से इनकार कर रहे हैं।



सुसाइड की कोशिश के बावजूद इसलिए बच गया विनय
सूत्र बताते हैं कि विनय जेल नंबर चार के सिंगल कमरे में बंद था। उसकी कोठरी और शौचालय के बीच सिर्फ एक पर्दा है। शौचालय में लोहे का छोटा सा खूंटीनुमा टुकड़ा लगा है।

बुधवार सुबह 9 से 10 बजे के बीच उसने गमछे से फंदा बनाकर खूंटे से लटकने की कोशिश की। फंदा 5-6 फीट की ऊंचाई पर ही होने के कारण वह ठीक से लटक नहीं पाया। और इसी दौरान सुरक्षाकर्मियों की उस पर निगाह पड़ गई।
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सुसाइड की कोशिश कर यह फायदा उठाना चाहता है विनय
जानकारों की मानें तो किसी भी दोषी को फांसी देने से पहले कई बातों का ख्याल रखा जाता है। जैसे वो एकदम स्वास्थ्य होना चाहिए। उस पर किसी भी तरह का कोई केस बाकी नहीं रहना चाहिए। शायद यह ही वजह है अपने ऊपर केस दर्ज कराने के लिए विनय ने सुसाइड की कोशिश की। जिससे आत्महत्या की कोशिश का मामला उस पर दर्ज हो जाए।

अब दोषी पवन के पिता ने खटखटाया अदालत का दरवाजा
निर्भया के एक और दोषी पवन के पिता ने दिल्ली की एक कोर्ट में याचिका दाखिल की है। पवन के पिता ने इस केस से जुड़े एकमात्र गवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश से इनकार करने संबंधी मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी है। जानकारों की मानें, तो इस याचिका पर 27 जनवरी को सुनवाई होने की उम्मीद है।



इससे पहले इन्हें हुई है फांसी
अगर पिछली हुई तीन फांसी की बात करें तो वो आतंकवादी अजमल कसाब, अफजल गुरु और याकूब मेमन को दी गईं थी। ये तीनों फांसी वर्ष 2012, 2013 और 2015 में दी गईं थी।

अफजल और कसाब संसद हमले से जुड़े थे तो मेमन मुंबई ब्लॉस्ट में शामिल था। इन तीन फांसी के चार साल बाद ये पहला मौका है जब निर्भया केस के दोषियों को फांसी दिए जाने की तैयारी चल रही है।

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