बीजापुर। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सचिव ढाई करोड़ के इनामी नक्सली नेता रमन्ना उर्फ रावला निवास की गंभीर बीमारी से मौत की पुष्टि नक्सली नेता विकल्प ने स्थानीय पत्रकार को फोन करके किया है।
गौरतलब है कि 7 दिसंबर को तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर नक्सली रमन्ना की मौत की खबरें आई थीं। रमन्ना की मौत को नक्सली नेता ने संगठन के लिए अब तक का सबसे बड़ा नुकसान बताया है। पिछले कुछ दिनों से नक्सल कमांडर रमन्ना की मौत पर सस्पेंस बना हुआ था। किंतु आज नक्सली नेता विकल्प ने बीजापुर जिले के स्थानीय पत्रकार से फोन पर चर्चा में रमन्ना की मौत की पुष्टि कर दी है।
तेलंगाना के वारंगल जिले के रमन्ना ने 15 साल की उम्र से दक्षिण बस्तर के जंगलों में सक्रिय रहा। वे 15 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था। वह दक्षिण बस्तर के सुकमा व बीजापुर जिले के बीच के जंगलों में सक्रिय रहा। 2005 से अब तक उस इलाके में हुई लगभग सभी बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड उसे माना जाता था ।
अप्रैल, 2010 में हुई बड़ी नक्सल वारदात ताड़मेटला कांड का मास्टर माइंड था रमन्ना जिसमें सीआरपीएफ के 76 जवान मारे गए थे। आंध्र, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य सरकारों ने उस पर कुल ढाई करोड़ से ज्यादा का इनाम रखा था।
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