रायपुर। दिसंबर माह में कल से पूस का महीना शुरू होने वाला है बावजूद इसके पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष दिसंबर में जैसी कड़ाकेदार ठंड पडऩी चाहिए वैसी ठंड नहीं पड़ रही है। आदिवासी दूरस्थ जिलों के जंगली इलाकों को छोड़ दे तो बाकी मैदानी भाग में ठंड के अभाव में लोग रात को घरों में पंखे एवं कूलर चला रहे हैं।
ऋतु चक्र परिवर्तन के बाद भी ठंड नहीं पडऩा प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा कहा जा रहा है। मौसम विभाग देश के पहाड़ी क्षेत्रों में अगले दो दिनों में भारी ओला बारिश के बीच बर्फबारी की संभावना जता रहा है।
वहां न्युनतम तापमान अभी भी अन्य वर्षों के मुकाबले सामान्य स्थिति में ही है। विदित हो कि दिसंबर के महीने में हमेशा शीतलहर के हालात बनते रहे हैं किंतु इस बार शीत लहर कब आएगी इसके बारे में भी मौसम वैज्ञानिक सही खबर देने की स्थिति में नहीं है
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