रायपुर। संविलियन की बाट जोह रहे प्रदेश के 23 हजार से ज्यादा शिक्षाकर्मी उस वक्त बुरी तरह निराश हो गये, जब सदन में सरकार की तरफ से लिखित जवाब आया कि 8 साल में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की प्रक्रिया होगी।
यूं तो पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने पंचायत विभाग में संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों का आंकड़ा 16 हजार से ज्यादा का दिया था, लेकिन नगरीय निकाय के शिक्षाकर्मियों का आंकड़ा उसमें जोड़ लिया जाये तो ये संख्या करीब 23 हजार से ज्यादा की हो जाती है।
सरकार के लिखित जवाब आने के बाद शिक्षाकर्मी जहां निराश हैं, तो वहीं शिक्षाकर्मी संघ ने सरकार से संविलियन का अनुरोध दोहराना शुरू कर दिया है। शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष विरेंद्र दुबे ने भी सरकार से संपूर्ण शिक्षाकर्मियों के संविलियन की मांग की है।
विरेंद्र दुबे ने कहा है कि इस वक्तव्य का सीधा अर्थ है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार दो वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का संविलियन अभी नहीं किया जाएगा, उनका संविलियन तय समय आठ वर्ष पूर्ण करने के पश्चात ही संविलियन किया जाएगा। संविलियन से वंचित शिक्षक शासन के इस फैसले से ठगा सा महसूस कर रहे है।
तत्कालीन बीजेपी शासन ने 8 वर्ष पूर्ण कर चुके 1 लाख 9 हजार शिक्षकों का संविलियन किया था। साथ ही शेष शिक्षको का छह छह माह में संविलियन करने का आदेश जारी किया था, जिससे संविलियन से वंचित शिक्षकों में काफी नाराजगी देखी गई थी, चुनाव पूर्व कॉग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में दो वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षको का संविलियन करना, अनुकम्पा नियुक्ति, वेतन विसंगति, क्रमोन्नत वेतनमान आदि प्रदान करने की बात कही थी।
विरेंद्र दुबे ने कहा है कि शासन के एक साल पूर्ण होने के बाद भी किसी भी प्रकार के मांग पूरा नही होने से प्रदेश के शिक्षक आक्रोशित है साथ ही अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।
प्रदेश के शिक्षक आशांवित थे कि शासन के आते ही सभी समस्याओं का त्वरित निराकरण कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नही हो पाया है। पंचायत मंत्री के विधानसभा ने दिए गए बयान से प्रदेश के शिक्षको की उम्मीदें धूमिल होते नजर आ रही है।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि सरकार अपने जनघोषणा पत्र का सम्मान करते हुए दो वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षको का तत्काल संविलियन करना चाहिए साथ ही वेतन विसंगति, अनुकम्पा नियुक्ति, क्रमोन्नति से संबंधित किये गए अपने वायदों को पूर्ण करना चाहिए।
वीरेंद्र दुबे ने बताया कि आज तक जितनी भी सफलताएं मिली है वह केवल एकजुटता एवं संघर्ष के बदौलत प्राप्त हुई है, आगे की मांगों को पूर्ण करने के लिए एकजुटता के साथ संघर्ष करना होगा। साथ ही संघ ने मांग किया है कि शेष शिक्षको के संविलियन उपरांत ही नवीन पदस्थापना किया जाए।
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