Breaking Newsछत्तीसगढ़सियासतस्लाइडर

छत्तीसगढ़: महापौर या अध्यक्ष को हटाने के लिए अब लाना होगा अविश्वास प्रस्ताव…

रायपुर । नगरीय निकायों के महपौर या अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए अब विपक्ष को परिषद में अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा। नगरीय निकायों में अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली होने के साथ ही महापौर या अध्यक्ष को हटाने के लिए राइट टू रिकॉल की व्यवस्था भी खत्म हो गई है।

मतलब, महापौर और अध्यक्ष को जनता पद से नहीं हटा सकेगी। प्रदेश में अभी तक महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से होता था। जनता इनका चुनाव करती थी। जिन पदों के लिए सीधे चुनाव होता है, उन पर चुने गए व्यक्ति को हटाने के लिए भी जनता वोट करती है।



मौजूदा सरकार ने महापौर और अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया बदल दी है। अब जनता केवल पार्षदों को चुनेगी। जिस दल के पार्षद बहुमत में होंगे, वे अपने बीच से महापौर या अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। ऐसी स्थिति में महापौर या अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए पार्षद ही अविश्वास प्रस्ताव ला सकेंगे।
WP-GROUP

अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें परिषद में यह साबित करना होगा कि महापौर या अध्यक्ष के खिलाफ में ज्यादा पार्षद हैं। अप्रत्यक्ष चुनाव पर राज्यपाल की मुहर लगने के साथ ही इस व्यवस्था को भी मंजूरी मिल गई है। राइट टू रिकॉल व्यवस्था को खत्म करने और अविश्वास प्रस्ताव की व्यवस्था को लागू करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है।

यह भी देखें : 

छत्तीसगढ़: आबकारी मामलों में बंद आदिवासियों की जल्द होगी रिहाई…

Back to top button
close