रायपुर। गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी होने की असली वजह अब तक सामने नहीं आ पायी है, जिस पर विशेषज्ञों द्वारा रिसर्च अभी जारी है। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने आज एक निजी होटल में मीडिया से अनौपचारिक चर्चा करते हुए कहीं।
श्री सिंहदेव ने सुपेबेड़ा के लोगों में किडनी बीमारी का बढऩे एवं उससे मौतों के मामले में कहा कि वहां राज्य की स्वास्थ्य विभाग के साथ अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) की टीम भी वहां पीडि़तों की जांच के बाद उपचार कर रही है और जरूरत के अनुसार कुछ पीडि़तों को रायपुर लाकर भी उपचार किया जा रहा है।
श्री सिंहदेव ने कहा कि किडनी से कितने लोग वहां पीडि़त इसका सही आकड़ों का पता लगाया जा रहा है। श्री सिंहदेव ने सुपेबेड़ा के लोग किस कारण से किडनी बीमारी से पीडि़त हो रहे पर कहा कि विशेषज्ञों ने वहां परीक्षण के बाद पाया था कि वहां दूषित जल के अलावा कई लोग जैनेटिक फेक्टर, डायबिटिज एवं मलेरिया से भी पीडि़त थे।
इसके कारण भी किडनी पर प्रभाव पडऩे की संभावना जतायी जा रही थी, लेकिन अभी तक इस पर रिसर्च जारी है। उन्होंने एक प्रश्र के जवाब में यह भी कहा कि किडनी प्रभावित होने के असली कारण का पता लगान के लिए रिसर्च का काम जारी है पर इस रिसर्च के कारण वहां के प्रभाावित लोगों का इलाज भी जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि डीकेएस और एम्स की टीम हर माह सुपेवेड़ा और उसके आसपास के गांवों का दौरा करेगी और वहां लोगों का नि:शुल्क जांच कर इलाज करेगी।
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