रायपुर। राज्य से लौटते हुए मानसून से एक बार फिर से हल्की बारिश अथवा गरज-चमक के साथ बौछारें पडऩे की संभाना जताई गई है। राज्य में आगामी चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के दक्षिणी भाग में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पडऩे की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के नियमित रिपोर्ट की माने तो दक्षिण-पश्चिम मानसून अब लौट रहा है। देश के कई राज्यों से मानसून की विदाई शुरू हो गई है। वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मानसून जम्मू-कश्मीर के अंदरुनी इलाकों के साथ ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तरप्रदेश, बिहार के कुछ भाग, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्यप्रदेश के साथ ही मध्यप्रदेश के पश्चिम भाग, राजस्थान के अंदरुनी इलाकों के साथ ही सौराष्ट्र, कच्छा के कुछ भागों के अलावा गुजरात क्षेत्र से वापस लौट रहा है।
लौटते हुए मानसून की पट्टी इस समय डॉल्टनगंज, जबलपुर, उज्जैन, अहमदाबाद से होकर गुजर रही है।इधर कल उत्तरी बंगाल की खाड़ी, इसके आसपास के इलाकों के साथ ही गांगई क्षेत्र और ओडिशा के तटीय इलाके में बना चक्रवाती सिस्टम अब बांग्लादेश और इसके आसपास के इलाकों की ओर खिसक गया है तथा यह चक्रवाती संचरण ऊपरी हवा में 3.1 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है।
वहीं दूसरी ओर कोमोरिन इलाके के साथ ही तटीय आंध्रप्रदेश के ऊपर बना ट्रफ अब आगे निकल कर कनार्टका के अंदरुनी इलाके, रॉयलसीमा से होकर लक्ष्यद्वीप की ओर आगे बढ़ रहा है।
वहीं तटीय आंध्रप्रदेश के ऊपर बना चक्रवाती सिस्टम आज कमजोर होकर समाप्त हो गया है। मौसम विभाग की माने तो अब लौटते हुए मानसून से एक बार और अच्छी बारिश अथवा जोरदार गरज-चमक के साथ बौछारें पडऩे की संभावना है। आमतौर पर छत्तीसगढ़ से 12 से 15 अक्टूबर के मध्य दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई हो जाती है।
वर्तमान में मानसून तेजी से वापस लौट रहा है और जल्द ही प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई स्पष्ट हो जाएगी और इसके बाद इसकी अधिकृत घोषणा कर दी जाएगी। बहरहाल प्रदेश के दक्षिणी इलाके याने कि बस्तर संभाग में आगामी चौबीस घंटों के दौरान तेज गरज-चमक के साथ बौछारें पडऩे की संभावना बनी हुई है।
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