रायपुर। राज्य सरकार द्वारा राज्य के उद्योगों के हित में केन्द्र सरकार से तारा अथवा दुर्गापुर-सरिया अथवा मोरगा-कोल ब्लॉॅक में से किसी 1 कोल ब्लॉक को सीएमडीसी के लिए कमर्शियल माईनिंग हेतु आबंटित करने की मांग की गई है।
तारा, गारेपेलमा सेक्टर-1 सहित पूर्व में सीएमडीसी को आबंटित पांच कोल ब्लॉक्स के डेव्हलपमेंट पर सीएमडीसी 625 करोड़ रूपए का निवेश कर चुका था। इन कोल ब्लॉक्स के लिए सीएमडीसी समस्त वैधानिक स्वीकृतियां भी प्राप्त कर ली गई थी तथा समस्त भूमि का अर्जन भी किया जा चुका था।
अब केन्द्र सरकार ने तारा, गारेपेलमा सेक्टर-1 और मदनपुर नार्थ कोल ब्लॉक्स को पॉवर सेक्टर या अन्य राज्यों (नान हॉस्ट) को आबंटन के लिए रखा है, इसलिए सीएमडीसी इन कोल ब्लॉक्स के लिए आवेदन नहीं कर सका।
केन्द्र द्वारा छत्तीसगढ़ में कमर्शियल माईनिंग के लिए जिन कोल ब्लॉक्स का चयन किया गया है, वे व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं हैं। वर्तमान परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ राज्य के अन्तर्गत स्थापित पॉवर प्लान्ट्स, स्पॉज आयरन तथा अन्य माइक्रो, लघु तथा मध्यम उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में कोल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिनके कारण इन उद्योगों के समक्ष अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया तथा इसके कारण बेरोजगारी बढऩे की सम्भावना को नकारा नहीं जा सकता।
यदि उपरोक्त कोल ब्लॉक में से सीएमडीसी को कमर्शियल माईनिंग के लिए कोई एक कोल ब्लॉक आबंटित किया जाता है, तो इन उद्योगों के लिए कोयले की आपूर्ति हो सकेगी। अभी भी केन्द्र सरकार द्वारा कमर्शियल माईनिंग के लिये छत्तीसगढ़ राज्य में जिन कोल ब्लॉकों का चयन किया गया है वे अन-अन्वेषित कोल ब्लॉक्स हैं, जिनके विकास में कम से कम 5 से 7 वर्ष का समय लगेगा।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के पूर्व सीएमडीसी द्वारा इन कोल ब्लॉक्स के डेव्हलपमेंट पर कुल 625 करोड़ रूपए का निवेश किया जा चुका था। जिसमें से सीएमडीसी को मात्र 64 करोड़ रूपए ही नए एलोकेटी से प्राप्त हो सका है।
सीएमडीसी द्वारा सबसे अधिक राशि 323 करोड रूपए का निवेश तारा कोल ब्लॉक के विकास के लिए की गई थी। साथ ही इस कोल ब्लॉक हेतु सीएमडीसी द्वारा समस्त वैधानिक स्वीकृतियां यथा वन स्वीकृति, पर्यावरण स्वीकृति आदि प्राप्त कर ली गई थी तथा परियोजना क्रियान्वयन हेतु समस्त भूमि का अर्जन भी किया जा चुका था।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से सी.एम.डी.सी.के लिये तारा तथा गारेपेलमा सेक्टर-1 कोल ब्लाक को आबंटित करने की मांग की गई थी, परन्तु केन्द्र सरकार द्वारा कोल माइन्स एक्ट, 2015 का हवाला देते हुए यह कहा गया, कि केन्द्र सरकार द्वारा जब कोल आबंटन के लिये आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे उस वक्त सी.एम.डी.सी. द्वारा आवेदन किया जाए।
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