रायपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को रायपुर जिले के गोबरा नवापारा में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल हुए। वे यहां लोकार्पण, भूमिपूजन और पट्टा वितरण कार्यक्रम में भी शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन गोबरा नवापारा के शासकीय हरिहर हाई स्कूल मैदान में किया गया।
इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में राज्य शासन के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, सांसद श्रीमती छाया वर्मा, विधायक गण धनेन्द्र साहू,विकास उपाध्याय, श्रीमती अनिता शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा, नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा के अध्यक्ष विजय गोयल सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अभनपुर के बनचरौदा पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का खुमड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। दोनों मुख्यमंत्री ने गौठान का निरीक्षण किया। उसके बाद वहां पौधारोपण किया। स्व सहायता समूह की महिलाओं से भी मुलाकात की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि तीन महीने पहले यहां आया था काम शुरुआत करने। आज यहां काफी कुछ बदल गया है। आप लोगों की मेहनत से यह गौठान बेहतर बना है। गोबर की कीमत है। आज के समय में पता चल रहा है।
इस काम के आपको सरकार सिर्फ सहायता कर सकती है लेकिन चलाने की आप की जिम्मेदारी है। मैंने सोनिया गांधी को इस योजना के बारे में बताया। उस वक्त अशोक गहलोत जी भी थे।
आज एक मुख्यमंत्री गौठान को देखने आए हैं। जल्द ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्री यहां आएंगे। देश ही नहीं दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। हम स्वालंबन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है सरकार बनते ही भूपेश ने दिल्ली में कहा हमारे यहां गौठान का नया प्रयोग हुआ है। मुझे इच्छा हुई खुद जाकर देखूं। आज वो सौभग्य मिला। महात्मा गांधी की कल्पना थी कि गांवों में विकास हो। वो कहते थे रोजगार टैब मिलेगा जब गांव में कुटीर उद्योग लगेगा।
इस प्रयोग के लिए भूपेश को बधाई। यही असली ग्राम स्वराज्य है। इसकी कल्पना गांधी जी ने की थी। पशुओं की समस्या हर जगह है। सब काम एक साथ इस गौठान में हुआ है। यही नवाचार है। हमारे दो मंत्रियों ने मिलकर यह प्रयोग को देखा है। आज देखकर लगा हम भी इस काम को कर सकते हैं।
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