
रायपुर। अचानकमार के जंगलों के बीच तीन दशकों तक बैगा आदिवासियों के मध्य शिक्षा का उजियारा फैलाने वाले प्रोफेसर डा. प्रभुदत्त खेड़ा के निधन पर मुख्यमंत्री ने शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
अपने ट्वीटर एकाउंट में किए गए पोस्ट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा-अचानकमार के घने जंगलों के बीच 30 साल तक कुटिया बनाकर बैगा आदिवासियों के बीच शिक्षा का उजियारा फैलाने वाले, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डा. प्रभुदत्त खेड़ा के निधन की खबर सुनकर मन दुखी है। डा. खेड़ा त्याग, संकल्प और नि:स्वार्थ सेवा की प्रतिमूर्ति थे, विनम्र श्रद्धांजलि।
ज्ञात हो कि डॉ. खेड़ा विगत तीन दशकों से आदिवासियों के मध्य रहकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के साथ ही उनके विकास के लिए शिक्षा को अपना माध्यम बनाया और उनके बीच ही रहकर वे शिक्षा के लिए समर्पित रहे।
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