रायपुर। अंतागढ़ उपचुनाव के संबंध में धमाकेदार खुलासा करने वाले मंतूराम पवार ने आज प्रदेश के दिग्गज नेताओं पर और कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अंतागढ़ चुनाव में मुझे एक पैसा नहीं मिला।
रमन सिंह और अजीत जोगी ने मिलकर मुझे फंसाया है। इस मामले में कई प्रभावशाली लोग पर्दे के पीछे छुपे हुए हैं। बहुत जल्द उनके नाम भी सामने आएंगे और वे भी कटघरे में बंद होंगे।
प्रेसक्लब रायपुर में पत्रकारवार्ता लेकर मंतूराम पवार ने बताया कि सन 2014 में अंतागढ़ में उपचुनाव हुआ था। उनके अलावा 12 और प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था। चुनाव में नाम वापसी के लिए उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी एवं फिरोज सिद्दकी एवं अमीन मेमन द्वारा साढ़े सात करोड़ रूपए की राशि दिए जाने का वायदा किया गया था।
उन्होंने कहा कि नीरज श्रीवास्तव, जेएमएफसी न्यायाधीश के न्यायालय में 164 के तहत बयान देकर सारी बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह की 15 वर्ष की सरकार चलाने में अजीत जोगी और अमित जोगी की मुख्य भूमिका रही है।
नवंबर 2014 में राजेश मूणत के बंगले में फिरोज सिद्दकी, अमीन मेमन, अमित जोगी एवं डॉ. पुनीत गुप्ता आए थे। उन्हें मोबाइल पर साढ़े सात करोड़ रूपए देने का वायदा डॉ. रमन सिंह की ओर से किया गया था, किंतु पैसे फिरोज सिद्दकी लेकर कहीं चला गया। उन्हें साढ़े सात करोड़ में से एक भी रूपए प्राप्त नहीं हुआ है।
`उन्होंने पत्रकारवार्ता में कहा कि अगर उन्हें साढ़े सात करोड़ रूपए मिले होते उक्त राशि को वे की जनता के लिए विकास कार्य में खर्च करते। मंतूराम ने बताया कि एसपी कांकेर की ओर से उन्हें खुली धमकी दी गई थी कि उपचुनाव में नाम वापसी नहीं करोगे तो तुम्हें नक्सली वारदात में झीरम घाटी तर्ज में खत्म कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चुनाव में नामांकन भरे भीमसिंह उसेंडी, भोजराज नाथ, महादेव हिड़मी, शंकर लाल नेताम ने उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी ओपी गुप्ता द्वारा न्यायालय में बयान बदलने पर एक करोड़ रूपए देने का वादा किया था जबकि वे एवं तत्कालीन 6 प्रत्याशियों को केवल 40 से 50 हजार की राशि ही मिली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. रमन सिंह एवं भाजपा द्वारा उनके साथ धोखाधड़ी की गई है, जबकि भूपेश बघेल ही एक मात्र कांग्रेस का नेता है जिसने पिता-पुत्र अजीत जोगी, अमित जोगी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया।
उक्त कारण से ही कांग्रेस चुनाव जीत पाई है। मंतूराम ने कहा कि क्षेत्र में उनके बारे में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि वे पैसे के लिए राजनीति करते हैं जबकि उनका उद्देश्य आदिवासियों की सेवा करना है।
उन्होंने बताया कि उन्हें कैबिनेट मंत्री, आयोग का अध्यक्ष एवं अन्य पद पर स्थापित करने का प्रलोभन दिया गया था। साढ़े सात करोडृ की डील में रमन-जोगी शामिल हैं। उन्हें खरीद फरोख्त की जानकारी नहीं है। बेवजह फंसा कर बदनाम किया जा रहा है।
16 सितंबर को वे वाईस सैंपल देने न्यायालय में गए थे, जबकि अजीत जोगी और अमित जोगी वाईस सैंपल देने से बच रहे हैं। दाल पूरी काली है। उन्होंने बताया कि अंतागढ़ मामले को लेकर कई प्रभावशाली लोग पर्दे के पीछे छुपे हुए हैं। बहुत जल्द उनके नाम भी सामने आएंगे और वे भी कटघरे में बंद होंगे।
यह भी देखें :
लडक़ी को स्कूल से निकाल दिया गया तो खरीद ली राइफल..देने लगी 400 लोगों को मारने की धमकी…फिर…
Add Comment